5.श्वान पोजीशनः
यह पोजीशन महिलाओं की पसंदीदा पोजीशन मानी जाती है. इसमें महिला की पोजीशन श्वान की तरह (अपने दोनों हाथ व पैर के बल) होती है. अर्थात महिला कोहनी व घुटनों के बल श्वान की तरह पोजीशन बना लेती है . इस अवस्था के लिये उसे अपना वजन अपनी कोहनी पर लेना होता है. इस अवस्था में आने के बाद पुरुष महिला के पीछे घुटनो के बल बैठ कर प्रवेश की क्रिया प्रारंभ करता है. इस पोजीशन में धक्कों को कंट्रोल करने के लिये पुरुष चाहे तो महिला के कूल्हों को हाथों से सहारा दे सकता है. लेकिन यहां यह स्पष्ट कर देना चाहते है कि यह गुदा मैथुन बिल्कुल नहीं है क्योंकि शिश्न का प्रवेश भग क्षेत्र में ही किया जाता है न कि गुदा द्वार से. यह पोजीशन गहरे, कठोर और तेज प्रवेश के पूरे अवसर देती है. इसलिये यह पोजीशन गर्भावस्था के दौरान नहीं अपनानी चाहिये. इस पोजीशन में पुरुष महिला के स्तन, कूल्हे और भगशिश्न से सेक्स क्रिया के दौरान खिलवाड़ कर सकता है इसलिये यह तीव्र उत्तेजना के भी काफी अवसर प्रदान करती है. इस पोजीशन मे पुरुष को महिला के कूल्हों को कस कर दबाने, मसाज करने व चपत लगाने से नहीं चूकना चाहिये क्योंकि यह हरकत महिला को और उत्तेजना प्रदान करती है. यह पोजीशन जी-स्पॉट सेक्स के लिये बेहतर मानी गई है. इस पोजीशन में पुरुष का मुख्य रोल रहता है. यदि इस पोजीशन के तीव्र धक्कों के द्वारा किसी महिला को पीड़ा या अन्य परेशानी होती है तो वह इस पोजीशन में कुछ परिवर्तन कर सकती है. इस पोजीशन में कमी के नाम पर यह है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं हो पाता तथा चुंबन क्रिया नहीं की जा सकती है. कई बार इस पोजीशन के दौरान महिलाएं योनि से वायु भी छोड़ देती हैं, जिससे भगक्षेत्र से हवा निकलने की अजीब सी आवाज आती है. लेकिन इस सब के बाद भी यह महिलाओं सहित पुरुषों की पसंदीदा पोजीशन है.कई बार इस पोजीशन के लिए महिला कोहनी का उपयोग न करके हाथ के बल भी अपनी पोजीशन संभालती है(देखें चित्र)
मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻ ☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻
उन्नयनः
हाथः इस पोजीशन में हाथ खुले रहने से महिला को उत्तेजित करने में काफी सहायक होते है. पुरुष चाहे तो महिला के कूल्हों को कस कर दबा सकता है, हाथ फेर सकता है, थपथपा सकता है तथा महिला के स्तनों से खिलवाड़ भी कर सकता है.
परिवर्तनः
- अंगरक्षक पोजीशन
- मेंढक पोजीशन
- ठेलागाड़ी पोजीशन
- किनारे सेः इस पोजीशन में महिला किसी बिस्तर के किनारे पर बिस्तर के नीचे की ओर घुटनों से बल बैठती है और अपना उपरी हिस्सा बिस्तर के किनारे पर टिका देती है. अर्थात अपने उपरी हिस्से का भार बिस्तर के किनारे पर डाल देती है . इसके पश्चात पुरुष प्रवेश क्रिया प्रारंभ करता है.
6.मेंढक पोजीशनः
यह पोजीशन श्वान पोजीशन से मिलती जुलती है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पांव के बल उकड़ू बैठ जाती है फिर अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लेती है. यह अवस्था देखने पर ऐसी लगती है मानों कोई मेढक की तरह बैठा हो. इस लिये इसे मेंढक अवस्था कहते हैं. इस अवस्था में आने के बाद पुरुष प्रवेश क्रिया प्रारंभ करता है. इस दौरान महिला जहां हाथों से अपने शरीर को सहारा देती है वहीं पुरुष महिला के कूल्हों को पकड़ कर गति नियंत्रित करता है. वहीं दूसरे तरीके में वह अपनी जांघें घुटनों से मोड़ कर टांगों में जोड़ कर सिर को भी नीचे ले आती है. इस अवस्था में उसकी योनि खुलकर सामने आ जाती है(देखें चित्र की दूसरी तस्वीर). एक अन्य तरीके महिला दो तकियों के उपर पेट के बल लेटती है. इस अवस्था में महिला के कूल्हे उसके कंधो से काफी उंचाई पर होते है . ऐसा करने पर योनि खुल कर सामने आती है और फिर पुरुष घुटनों के बल होकर प्रवेश क्रिया करता है. (देखें चित्र की तीसरी तस्वीर). इस पोजीशन की कुछ कमियां भी हैं मसलन पहली वाली पोजीशन में महिला की जांघों में दर्द की शिकायत हो सकती है तो दूसरी व तीसरी पोजीशन में पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है. हालांकि यह परेशानी अल्प अवस्था के लिये ही होती है.
मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☺
उन्नयनः
तकियाः इसमें महिला अपने भगक्षेत्र और सिर के नीचे तकिया रख कर सेक्स क्रिया को सहज और आनंददायी बना सकती है.
हाथः इस पोजीशन में पुरुष हाथों से महिला के कूल्हों को सहारा दे सकता है तथा महिला को सहला कर सेक्स क्रिया और मजेदार बना सकता है.
परिवर्तनः
- अंगरक्षक पोजीशन
- श्वान पोजीशन
- पीछे से प्रवेश
7.कैंची पोजीशनः
यह पोजीशन निद्रा देवी पोजीशन से मिलती जुलती पोजीशन है. इस पोजीशन में दोनों पार्टनरों के पांव एक दूसरे को क्रास करके कैंची की तरह आकृति बनाते है. लेकिन यह पोजीशन निद्रा देवी पोजीशन से इसलिये बेहतर है क्योंकि इसमें शारीरिक छुअन निद्रा देवी से ज्यादा होती है साथ ही इसमें प्रवेश का बेहतर और शानदार कोण(एंगल ) मिलता है. इस पोजीशन में कम मेहनत में काफी कुछ मिल जाता है. लेकिन कुछ लोग इस पोजीशन को इसलिये नहीं पसंद करते क्योंकि महिला की टांगे काफी खुल जाती हैं तथा जांघों को काफी वजन सहना पड़ता है लेकिन परिवर्तन पसंद युवाओं की यह पोजीशन काफी पसंदीदा है.
मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☺
उन्नयनः
हाथः इस पोजीशन में पुरुष का उपरी हिस्से का हाथ खाली होने से वह चाहे तो महिला के स्तन सहला सकता है या टांगों को सहलाकर सेक्स क्रिया को और उत्तेजना भरी बना सकता है.
परिवर्तनः
- फंसी जांघेः इस पोजीशन में महिला अपनी टांगे फैला कर लेट जाती है फिर पुरुष उसकी टांगों के बीच योनि के निकट बैठ जाता है . फिर पुरुष अपनी एक जांघ महिला की जांघ के ऊपर और एक जांघ महिला की जांघ के नीचे कर लेता है. इस पोजीशन में उपर वाली जांघ के सहारे पुरुष धक्कों की गति नियंत्रित करता है. यह पोजीशन काफी मजेदार मानी गई है.
- पीछे से प्रवेश पोजीशन
- निद्रा देवी पोजीशन
- चमचा पोजीशन
8.तैराक पोजीशनः
कई महिलाएं इस पोजीशन को अत्यंत उत्तेजक मानती हैं तथा इस पोजीशन में भगशिश्न को बिना उकसाए या उत्तेजित किये कामोन्माद की प्राप्ति होती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने पांव फैला कर पीठ के बल लेट जाता है.इसके पश्चात महिला उसके उपर उसके साथ -साथ लेट जाती है. इससे उसके स्तन का दबाव पुरुष के सीने में पड़ने से उत्तेजना बढाने में सहायक होता है वहीं सेक्स क्रिया का नियंत्रण स्त्री के हाथ में होता है. स्त्री चाहे तो सेक्स के दौरान अपनी टांगे पुरुष की टांगों के बीच में लाते हुए आपस में अपने पांव जोड़ कर इस पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन ला सकती है. इस पोजीशन में टोटल बॉडी कान्टेक्ट रहता है तथा चूमने के पर्याप्त अवसर रहते हैं. यह पोजीशन तब सबसे आनंद दायी होती है जब महिला पूरी तरह से पुरुष के समानान्तर उपर लेटी हो. अर्थात पांव के उपर पांव, जांघों के उपर जांघे,कमर के उपर कमर, पेट के उपर पेट, छाती के उपर स्तन, चेहरे के उपर चेहरा हो. यह पोजीशन उन महिलाओं के लिये बेहतर है जो प्रवेश का इन्द्रिय बोध करना चाहती हैं तथा अपने अंदर पुरुष के लिंग को महसूस करना चाहती हैं. यह पोजीशन उनके लिये भी बेहतर है जो कम गहराई वाला शांत सेक्स चाहती हैं लेकिन जो काफी अंदर तक तथा तीव्र धक्कों वाला सेक्स चाहती हैं उन्हे इस पोजीशन से थोड़ा निराश होना पड़ सकता है.
Wednesday, July 11, 2007
अन्य सेक्स पोजीशन (भाग 2)
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