Saturday, March 31, 2007

महिलाओं के लिए बेहतरीन सेक्स पोजीशन




ज्यादातर पोजीशनें महिलाओं के लिये शानदार होती हैं लेकिन कुछ दिमाग हिला देने वाली होती है. इनमें से कुछ सर्वाधिक पसंदीदा पोजीशने निम्न हैं.

जब महिलाएं उपर हो
यह पोजीशन महिला के साथ नियंत्रण रखती है. इसमें पुरुष अपनी पीठ के बल लेटा होता है जब महिला उस पर सवारी कर रही होती है. तब महिला प्रवेश की स्पीड और गहराई पर नियंत्रण रख सकती हैं. सामान्यतः इस पोजीशन में पुरुष का मूवमेंट शांत रहता है. ज्यादातर महिलाओं को यह पसंद होता है साथ ही वे इसमें यह भी जोड़ना चाहती हैं कि विस्तर पर वे अपने पार्टनर की बांहों में किसी बच्चे की तरह उपर लेटें जब वे एक दूसरे से प्यार कर रहें हों.
इस पोजीशन के बारे में सबसे बेहतर बात यह है कि इसमें भगशिश्न उत्तेजना के बेहतर अवसर रहते हैं. इस पोजीशन में ज्यादातर महिलाएं आगे की ओर झुकती हैं, यह घर्षण के लिये बेहतर है. कुछ महिलाये इस पोजीशन की आरामदायक अवस्था के लिये पहले स्निग्धता चाहती हैं. पुरुष के उपर पूरी तरह से सीधे तन कर घुटने के बल बैठने पर अधिकतम भगशिश्न उत्तेजना प्राप्त होती है. इसके पश्चात आनंददायी सनसनाहट के लिये धीरे-धीरे मूव(Move) करें. या फिर इसके बदले उसे बेहतर जी-स्पॉट उत्तेजना के लिये सामने करें.

मिशनरी पोजीशन
यद्यपि यह सेक्स अकल्पनीयता की शुरुआत के लिये मान्य है. मिशनरी पोजीशन में उसके लिये काफी कुछ है.कई महिलाएं सामान्यतौर पर शुरुआत में मिशनरी पोजीशन ही पसंद करती हैं. इसमें पुरुष उपर होते हैं और महिलाएं उनके नीचे. यह पोजीशन युगल को काफी अवसर प्रदान करती है. इसमें आप अपने पार्टनर का चेहरा पास से देख सकतें हैं और एक दूसरे को चूम सकते हैं, आलिंगन कर सकते हैं तथा दुलार सकते हैं. इसमें पूरा शरीर एक दूसरे के संपर्क में रहता है और शरीर अपने आप में सबसे बड़ा सेक्सुअल अंग है और उसकी त्वचा सबसे बड़ा उत्तेजक.

स्पूनिंग
कई महिलाएं सेक्स के लिये स्पूनिंग पोजीशन को पसंद करती हैं क्योंकि इस पोजीशन में स्वयं के द्वारा भगशिश्न को उत्तेजित कर सकती हैं. इसमें आप दोनों एक ही दिशा में करवट के बल लेट जायें. इसमें यह ध्यान रखें कि पुरुष महिला के पीछे लेटे. अब इस पोजीशन में आसान उत्तेजना पाई जा सकती है. इस पोजीशन में महिला आसानी से अपने भगशिश्न से खिलवाड़ कर सकती है साथ ही पुरुष के हाथों को बता सकती है कि कहां छूने में उसे आनंद की प्राप्ति होती है. इनके अलावा भी कई पोजीशन महिलाओं की पसंदीदा है.

सेक्स पोजीशन पर विस्तार से जानकारी अगले अध्यायों में दी जाएगी .

Saturday, March 24, 2007

महिलाओं की उत्तेजना को समझना

महिलाएं महिलाएं जब यथेच्छ तरीके से उत्तेजना को पा जाती हैं तो असाधारण तरीके से बदलती हैं. इनमें से कुछ को ही चरमोत्कर्ष की प्राप्ति के लिये हल्के उकसावे की अलग से आवश्यकता होती है- कई बार तो कल्पनाशीलता ही पर्याप्त होती है. हर महिला यदि चाहे तो हस्तमैथुन द्वारा ही चरमोत्कर्ष को पा सकती हैं और इनमें से कुछ ही होती है जो ऐसा नहीं कर सकती. बहुमत की माने तो - वे उत्तेजना के उत्कर्ष को पा चुकी होती हैं - या स्वयं के द्वारा या फिर पार्टनर के साथ. और कुछ महिलाएं ऐसी होती है जो अनिश्चय की स्थिति में होती हैं कि कहां और कैसे उत्तेजना के उत्कर्ष का अनुभव(experience) करें - या नहीं.

तकनीकी विवरण
चरमोत्कर्ष प्रतिक्रिया का प्रतिबिंब है. और इस प्रतिबिंब में रुकाबट और तीव्रता आपकी मानसिक अवस्था पर निर्भर करती है. यह सामान्यतः भगशिश्न की ऐंठन द्वारा दागा(triggered) जाता है और योनि के अंदर तीव्र धड़कनों की एक श्रृंखला के रूप में अनुभव किया जाता है. लगभग प्रत्येक महिलाएं भगशिश्न की उत्तेजना के द्वारा चरमोत्कर्ष को पा सकती है, फिर भी बहुत कम महिलाएं ऐसी होती है जिन्हे इसके लिये बगैर भगशिश्न उत्तेजना के लिंगाघात की जरूरत होती है. किसी महिला को चरमोत्कर्ष पाने के लिये लगातार उत्तेजना की जरूरत होती है. यदि उकसावे भरी उत्तेजना रुक गई तो उसके चरमोत्कर्ष तक पहुंचने के पहले ही उसकी इन्द्रियजनित चेतना (सनसनाहट) खत्म हो जायेगी.

जाने दो’ का मतलब सीखें
चरमोत्कर्ष आपकी ‘जाने दो’ और थमने की योग्यता पर निर्भर करता है, और यही इन्द्रियजनित चेतना आपको उपर तक ले जाती है. थकान, क्षोभ और तनाव ये सभी बिन्दु आपके चरमोत्कर्ष को प्राप्त करने वाली अनुभूति के ध्यान को भंग करते हैं. अपने पार्टनर के सामनेर् ईष्या और कोध भी आपको मानसिक तौर पर पीछे धकेल सकते हैं और आपकी सेक्सुअल प्रतिक्रिया की क्षमता में बाधक बनते हैं- कई बार यह आपकी सफलता को असंभव भी बना सकते हैं. इसके अलाबा कुछ भावनात्मक सोच भी आपके चरमोत्कर्ष पाने में बाधक बन सकती है. उदाहरण के तौर पर सेक्स या कुछ महिलाओं के प्रति नकारात्मक सोच, नियंत्रण खो देने का डर आदि ऐसे बिन्दु हैं जो आपको चरमोत्कर्ष से पीछे ढकेल सकते हैं. इसलिये यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो स्वयं पर और स्वयं की भावनाओं और सोच पर अपना नियंत्रण नहीं खोते तो आप जबर्दस्त चरमोत्कर्ष को पाने में सफल होंगे. कुल मिलाकर इसका आशय यह है कि आपकी चरमोत्कर्ष की असफलता खुद आपके असफल होने के डर पर निर्भर करती है न कि आप शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं न ही आपको किसी तरह की बीमारी है.

चरमोत्कर्ष के लिये सही मूड
यदि आपके विचार या सोच का खाका सही हो तो चरमोत्कर्ष को पाना और आसान हो जाता है. बिस्तर पर जाने के पहले या उन क्षणों के दौरान स्वयं को समय और प्राइवेसी प्रदान करें ताकि आपको विघ्न या रूकावट का मलाल या डर न रहे, साथ ही असफलता या डर के बारे में चर्चा न करें ना ही उन बातों की चर्चा करे जिससे किसी तरह का शंशय पैदा हो. बिस्तर पर जाने के पूर्व ही कलह झगड़ों का निपटारा कर लें या उन्हें दूर छोड़ दें. इसलिए शांत दिमाग बेहतर सेक्स के लिये बेहतर होता है. इसके अलावा यह भी ध्यान में रखना चाहिये कि सेक्स स्वयं में तनाव दूर करने का सबसे बेहतर माध्यम होता है.

तनाव से दूर रहे
तनाव- ये महिलाओं में चरमोत्कर्ष पाने की असफलता के सामान्य कारण हैं. लंबी सांसों की एक्सरसाइज इससे उबरने में सहायता प्रदान करती है. इसके लिये प्रयास करें - धीमी और गहरी सांस अंदर लें फिर बाद में ठीक उसी तरह छोड़े वह भी बगैर अतिरिक्त बल लगाए. जब आप इसका अभ्यास कर लेंगे तो यह सामान्य लगेगा.

चरमोत्कर्ष में धोखा
कई प्रसिध्द या महान महिलाएं जो चरमोत्कर्ष को नहीं पा पाती हैं वे बड़ी आसानी से फर्जी चरमोत्कर्ष का बहाना बना लेती है. और यह उनके लिये आसान भी होता है. यह उनके साथ होता है जो सेक्स को जैसे ही अंगीकार करती है उसे दोषपूर्ण मानती है या फिर उनके साथ होता है जो अपने पार्टनर का दंभ(ego) बरकरार रखना चाहती हैं. उस वक्त उनकी सोच यह रहती है कि पार्टनर को अपनी असफलता का अनुभव न हो इसलिए वे फर्जी चरमोत्कर्ष का बहाना बना लेती हैं. या फिर वे महिलाएं फर्जी चरमोत्कर्ष का बहाना बनाती हैं जो जिन्हें सेक्स में किसी तरह का आनंद या रूचि नहीं होती. लेकिन यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि यदि लंबे समय तक धोखा करते रहे तो फिर बाद में इसे अंगीकार करना या पाना काफी मुश्किल भरा होता है.
लेकिन यदि आप चाहती हैं कि कुछ चीजें बदलें तो आपको अपनी जिम्मेदारी स्व उत्तेजना(हस्तमैथुन) के द्वारा बढ़ानी होगी या फिर यदि आप चरमोत्कर्ष अकेले पाना चाहती हैं तो फिर अपने पार्टनर से मदद के बारे में पूछे वह भी तब यदि आपको विश्वास है कि आपका पार्टनर सेन्सटिव लवर हो सकता है, तो ध्यान दें साथ ही इस बात पर शांत रहें ताकि उसे यह न लगे कि आप उस पर असफलता का आरोप लगा रही हैं. क्योंकि अंततः आपका चरमोत्कर्ष आपकी स्वयं की जवाबदेही है. कोई दूसरा इसके लिये कुछ नहीं कर सकता.

Thursday, March 15, 2007

स्पॉट पर प्रहार


क्या आपको तलाश है अपने - या अपने पार्टनर की उत्तेजना को और तेज करने के रास्ते की? यह सुनकर आश्चर्य होगा कि इससे संबंधित कुछ नसों के अंतिम सिरे योनि की दीवार पर होते हैं. यह हिस्सा योनि द्वार से योनि के एक तिहाई हिस्से पर पाया जाता है और ये हैं जी व ए स्पॉट.
जी स्पॉट शब्द की सर्वप्रथम व्याख्या आज से लगभग 50 वर्ष पहले जर्मन स्त्रीरोग विशेषज्ञ ग्रेफेनबर्ग ने की थी. लेकिन जब से यह शब्द अस्तित्व में आया है तब से इसे लेकर मतभेद रहे हैं. लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कई महिलाएं उत्तेजना के दौरान पाती हैं कि यह क्षेत्र अत्यधिक कामुकता से परिपूर्ण है. यह माना जाता है कि जी स्पॉट योनि की फ्रंट दीवार पर पाया जाता है जो प्यूबिक बोन और गर्भद्वार के मध्य में होता है. इस पर प्रहार करने के लिये, इसको खोजने का सरलतम तरीका होगा कि इसे गर्भद्वार की ओर से शुरू करें. इसका संरचनात्मक अनुभव नाक के अगले सिरे (tip of nose ) की तरह होता है. फिर धीरे-धीरे योनि की अग्र दीवार से होते हुए नीचे की ओर आएं. उत्तेजना के दौरान यह फूला रहता है, यह पहचान इसकी खोज में सहायक होती है. कुछ लोग इसे कुछ ज्यादा स्पंजी क्षेत्र के रूप में अनुभव करते हैं और जब इस पर प्रहार किया जाता है तो वह अत्यंत आनंददायी होता है. लेकिन ऐसा अनुभव सभी महिलाओं के प्रति नहीं रहा. कुछ ने तो इस पर प्रहार के दोरान पेशाब जाने की इच्छा भरी सनसनाहट का अनुभव किया वहीं कुछ महिलाएं इस क्षेत्र को लेकर भावशून्य रहीं. वहीं कुछ महिलाएं जी स्पाट उत्तेजना के दौरान एक रंगहीन गंधहीन द्रव स्खलन करते भी पाईं गईं. कुछ रिसर्च के दौरान पाया गया कि इस द्रव में प्रोस्टैटिक एन्जाइम पाए गये हैं इस आधार पर यह माना गया कि यह प्रोस्टेट के समतुल्य है. ठीक इसी तरह होता है ए जोन. यह जी स्पाट और गर्भद्वार के बीच आधे रास्ते पर कद्दू की तरह मुलायम क्षेत्र होता है. और एक बार फिर महिलाएं इस क्षेत्र को उत्तेजित करने पर तीव्र रिस्पांस देती है. ए जोन को आसानी से पकय्डने के लिये और अत्यधिक संतुष्टि के लिये पीछे से सेक्स करना बेहतर होता है किन्तु जी स्पॉट की तरह इसके लिये उतनी कठिनाई नहीं आती. यदि आप जी स्पाट या ए जोन तक नहीं पहुंच पाते हैं तो यह आपके लिये तो सामान्य है लेकिन आपके पार्टनर के लिये अपूर्णता की स्थिति है, जो एक तरह से आपके सुखमय सेक्स जीवन के लिये कुछ कमी की तरह है. इसलिये इस प्रयोग का आनंद उठाएं और देखें की आप दोनों कितना बेहतर अनुभव करते हैं.

Tuesday, March 13, 2007

मुख मैथुन के तरीके (पुरुषों के लिए)


महिलाएं मुख मैथुन पसंद करती हैं , इसलिए उन्हें दिखाइए कि आप उन्हें कितना ‘प्यार’ करते हैं और अपने मुख मैथुन (oral sex) ज्ञान के द्वारा उसे परिपूर्णता के निकट पहुंचा कर एक बेहतरीन पार्टनर होने का परिचय दें.
एक आदमी का मुंह उच्च कामुक और उत्तेजक हो सकता है जब वह सही तरीके से महिला के शरीर के किसी हिस्से पर प्रयुक्त किया जाए. वास्तव में मुख मैथुन का आशय उसके शरीर के किसी हिस्से को चूमने और चूसने से होता है, किन्तु कई लोग अज्ञानतावश मुख मैथुन का आशय महिला गुप्तांग के हिस्से के चुंबन और चूसने से निकालते हैं. जो कि गलत है.
लगभग सभी महिलायें मुख मैथुन पसंद करती हैं, जिसमें गुप्तांग शामिल नहीं होता है. वे उसे उतना ही रोमान्टिक अनुभव करती हैं जितना पुरुष उन्हे ‘प्यार’ करता है. लेकिन जब यह मामला उनके गुप्तांगों को चूमने , चाटने और चूसने का हो जाता है तो यह दूसरे आनंद का रूप ले लेता है. हालांकि ज्यादातर भारतीय इसे अच्छा नहीं मानते लेकिन अब युवाओं में यह संस्कृति धीरे-धीरे स्वीकार्य होती जा रही है.
कुछ महिलाएं पुरुषों द्वारा किये गए इस कृत्य को बहुत ही अंतरंग आत्मीय नजरिये से लेती हैं . इसलिए पूर्ण ‘प्यार’ के दौरान इसका काफी महत्व माना जाता है. वहीं कुछ की सोच होती है कि उनके गुप्तांग गंदगी से भरे होते हैं इसलिए चाटने और चूसने को घृणित मानती हैंऔर इस कृत्य के बारे में वे कल्पना नहीं करती हैं. ज्यादा हुआ तो वे चूमने की सहमति देती हैं.
अंततः इनमें से कुछ महिलाएं अपनी इस सोच को बदलने के लिए राजी हो जाती हैं, जब एक बार वे भगशिश्न या किसी अन्य द्वारा उत्तेजना को प्राप्त होती हैं. इसके लिये आदमी को जेन्टल लेकिन सामान्य तरीके से पहले उसके भग क्षेत्र को चूमना चाहिए फिर उसके भग शिश्न को . यहां महज रिझाने पर ही ध्यान न देकर कुछ सावधानी भी बरतना चाहिए उनमें आपकी दाढ़ी करीने से सेट हो या फिर दाढ़ी बनी हो- फिर अपनी जीभ को उतनी ही अनुमति दे जितना आपका पार्टनर उत्तेजना के लिये सहमति दे रहा हो. इस तरीके से धीरे-धीरे आप उसकी ना को तीव्र उत्तेजना रूपी हां में बदल कर आनंद पाने के लिए राजी कर लेंगे जो उसे प्रबल आवेग देगा.
आदमी को यह जानने के लिये परीक्षण करते रहना चाहिए कि उसके पार्टनर को क्या सबसे ज्यादा पसंद है और उसे किसमें ज्यादा आनंद आता है. इसके लिए भगशिश्न के किनारों का प्रयोग करें, क्लिटोरी को क्लिटोरी हुड की सहायता से उत्तेजित करें. जब भगशिश्न के किसी किनारे को चाट रहें हों तो जीभ को ढीली रखें न कि कड़ी. कई महिलाओं के लिये यह क्रिया प्रचंड आवेग वाली होती है. यदि संदेह हो तो अपने पार्टनर से पूछे कि उसे क्या पसंद है और उसे प्रेरित करें कि वह आपको बताए कि उसे क्या और कैसे पसंद हैं.

गुप्तांग विहीन मुख मैथुन
गुप्तांग के साथ मुखमैथुन के लिये कभी जल्दबाजी न करें. अपने पार्टनर के साथ एक दूसरे की ओर चेहरे करके लेट जाएं . उसके पूरे चेहरे को चूमे, उसके कान के निचले कोमल हिस्से को चूसना न भूलें, यदि वह पसंद करें तो उसके ओंठों को चूमे और उनका रस लेने से परहेज न करें चाहें तो इस दौरान अपनी जीभ उसके मुंह के अन्दर डाल कर घुमाएं साथ ही होंठों को चूसें. इस दौरान अपने हाथों से उसके शरीर के अन्य अंगों को सहलाते रहें.
अब क्रमशः उसके शरीर के नीचे की ओर जाएं , अब आपका सिर उसके स्तनों के बराबरी पर आ चुका होगा. यहां आप उसके स्तनों को चूम सकते हैं. साथ ही उसके निप्पलों को चूस सकते हैं . उसके स्तन के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को अपने मुंह में भरें, जीभ के सहारे उसके निप्पलों को सहलाएं. अपनी जीभ को उसके निप्पल के चारों ओर घुमाएं साथ ही निप्पल के चारों ओर गोल गहरे रंग के घेरे को जीभ से दबाते हुए घुमाएं, ध्यान रहे इस दौरान काटें नहीं क्योंकि अभी वह चरम उत्तेजना के निकट नहीं है इसलिए वह दर्द सहने के लिए तैयार नहीं है.

नीचे की ओर यात्रा
अब अपने चेहरे को उसके पेट की ओर नीचे ले जाएं. उसकी नाभि को चूमे और चाटें इसके साथ ही अपनी जीभ उसके पूरे पेट पर घुमाएं. धीरे-धीरे उसके भग क्षेत्र की ओर जाते जाएं, लेकिन इस स्टेज पर आकर उसे छुएं नहीं न तो हाथों से न ही मुंह से .
अपने पार्टनर के पैरों के बीच लेट जाएं, यदि बेड के अंतिम छोर पर हैं तो घुटने के बल बैठें. अब आप उसके पैरो की उंगलियों और पैरों को चूम और चूस सकतें हैं. कुछ महिलाएं इसे काफी पसंद करती है. क्योंकि यहां के कई बिन्दुओं पर उन्हें काफी उत्तेजना का अनुभव होता है. इस दौरान उसके शरीर के अन्य अंगों को नहीं छुआ जाता . इस समय कई महिलाएं स्वयं अपने स्तनों /भगशिश्न को सहलाना पसंद करती हैं जब उसका पार्टनर उनके पैरों को चूम रहा होता है.

मुख मैथुन की स्थितियां (positions)
जब आपका पार्टनर बगैर गुप्तांग के मुख मैथुन की उत्तेजना को प्राप्त हो जाता है, तब वह गुप्तांग के मुख मैथुन के लिये उत्सुक व उद्दीप्त होने लगती है. यही आपके लिये सही समय होता है प्रयास करने का, लेकिन वहां सौम्य तरीके से जाएं .
इसके लिये बेहतर पोजीशन हे कि वही सीधे पीठ के बल लेटी हो और उसके पैर फैले व खुले हों, पुरुष उसके पैरों के बीच लेटा हो ताकि वह उसके गुप्तांग के किसी भी हिस्से को आसानी से चूम, चाट और चूस सके. यहां एक परेशानी गर्दन दर्द की हो सकती है. इसके लिए उसके नितंब (hip) के नीचे तकिया रख दें. इससे उसकी योनि ऊपर उठ जाएगी और एक बेहतर पोजीशन में आ जाएगी. यह पोजीशन भगशिश्न को चूमने और चाटने के लिये बेहतर होती है, लेकिन उसकी योनि में जीभ के प्रवेश कराने के लिए उतनी बेहतर नहीं है.
इस पोजीशन के दौरान यहां एक परिवर्तन किया जा सकता है. महिला उसी तरीके से लेटी रहे, लेकिन पुरुष घूम जाए और उसका चेहरा पैरों की ओर हो जाए, अर्थात पुरुष महिला के उपर उसकी उल्टी दिशा में लेट जाए. इस अवस्था में पुरुष के गुप्तांग महिला के चेहरे के उपर होंगे और वह आसानी से उसके लिंग को चूम और चूस सकती है. इससे दोनों मुख मैथुन का आनंद ले सकते हैं. यदि महिला नहीं चाहती तो पुरुष थोड़ा सा अपने शरीर को घुमा सकता है. जिससे उसके गुप्तांगमहिला के चेहरे से दूर हो जाएंगे. लेकिन पुरुष महिला के गुप्तांगों से आसानी से खिलवाड़ कर सकता है. अपने शरीर को कोहनी का सहारा देकर पुरुष अपने पार्टनर के भग और भग शिश्न को आसानी से चूम सकता है. लेकिन यहां यह सावधानी बरतनी पड़ेगी कि महिला के शरीर पर ज्यादा भार न पड़े. इसलिये यहां आदमी को अपने घुटने और कोहनी पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ सकता है. इस पोजीशन में आदमी अपने पार्टनर की जांघों तक पहुंच सकता है. इस दौरान वह जांघों को फैला कर बाह्य भगोष्ठ को खोल सकता है. इससे उसे मुख मैथुन के लिए बेहतर अवसर मिल सकता है. यहां जानकार आदमी उसकी योनि में अपनी उंगली डाल देते हैं जब वे भगशिश्न को चूम आदि रहे होते है.
एक पोजीशन के रूप मे इसे भी आजमाया जा सकता है जब महिला अपने नितंब (hip) के बल बेड के एक किनारे लेटी हो, उसके पांव फर्श पर फैले हों. इस वक्त पुरुष उसकी जाघों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ कर उसके गुप्तांगों का चुंबन आदि ले सकता है. इस दौरान जब महिला उत्तेजित हो जाए तो वह अपनी जांघों को खींच कर टांगे फैलाकर अपने तलवे पार्टनर के कंधे, पीठ पर रख सकती है. इस दौरान उसका भग क्षेत्र और खुल जाता है. यह पोजीशन उन महिलाओं के लिये सबसे बेहतर होती है जो यह चाहती हैं कि उनका पार्टनर उसकी योनि के अन्दर अपनी जीभ को प्रवेश कराए. यह पोजीशन महिला को टेबल पर लिटा कर भी की जा सकती है. इस पोजीशन में पुरुष ज्यादा आराम दायक स्थिति में रहता है क्योंकि इस दौरान उसे बहुत कम झुकना पड़ता है.
आप मुख मैथुन के लिये महिला को उपर करके भी प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिये पुरुष अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला घुटनों के बल उसके सीने के ऊपर आ जाए और अपने गुप्तांगों को पुरुष के चेहरे के पास ले जाकर अवसर दे. इसमें महिलाओं को फायदा यह होता है कि वह मुख मैथुन की प्रक्रिया को अपने नियंत्रण में रख सकती है साथ ही इस दौरान वह उसके लिंग के साथ भी खेल सकती है. इसी प्रक्रिया को आगे और बढ़ाया जा सकता है. इसमें महिला टांगे फैलाकर खड़ी हो जाए और पुरुष घुटनों के बल बैठकर उसके भग क्षेत्र पर अपने होंठों से दबाव डाल सकता है.
कल्पनाशील युगल के लिये एक और बेहतर पोजीशन है. इसमें पुरुष अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाए और पैर मोड़कर घुटने ऊपर उठा ले . अब महिला घुटनों के बल पुरुष के चेहरे के ऊपर आ जाए. इस दौरान पैर काफी फैले हुए हों. उसका भग क्षेत्र पुरुष के मुंह के ठीक उपर हो. इस दौरान महिला की पीठ पुरुष के चेहरे की ओर हो. अब महिला घुटनों के बल सीधे लेट जाए. ऐसे में महिला का सिर पुरुष के घुटनों पर टिक जाएगा. इस अवस्था में महिला का भगक्षेत्र पूरी तरह से चौड़ाई में खुल जाता है. अब पुरुष चाहे तो वह अपनी जीभ महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है साथ ही उसके भग क्षेत्र और भगशिश्न को भई मुंह की सहायता से सहला सकता है.

Sunday, March 04, 2007

गुणात्मक चरमोत्कर्ष प्राप्त करना



एक से ही चिपक कर क्यों बैठना , पूर्ण परिपूर्णता के साथ आवेग के परम सुख की लहर के बाद की लहरों में कब सवारी कर सकते हो?
यह सवाल हर उस शख्स के लिये है जो एक बार चरमोत्कर्ष को प्राप्त कर चुके हैं तथा दूसरे के लिए शायद इच्छा नहीं जताते.
कई महिलाएं गुणात्मक चरमोत्कर्ष के लिये सक्षम होती हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. इसलिये अपने पार्टनर से सावधानी और कोमलता के साथ और प्रयोग की सानुकूलता व सम्मति से , वे जिस ऊंचाई को पाना चाहते हैं खोज सकते हैं , जिसकी सफलता के बारे में कभी सोचा भी न हो.
महिलाओं की उत्तेजना और चरमोत्कर्ष के चार चरण होते हैं. इनमें से पहला - उत्तेजना का चरण है. इसमें उसके निप्पल तन जाते हैं , उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है और स्तन फैल व फूल जाते हैं. ठीक इसी समय योनि में फैलाव व चिकनापन आ जाता है और उसका भगशिश्न बड़ा हो जाता है. इसके बाद चौरस भूमि या समस्थल - इस चरण में भगशिश्न वापस हो जाती है. योनि का उपरी अंतिम हिस्सा फूल जाता है और वह तीसरे चरण के आवेग की ओर बढ़ने लगती है. यहां उसकी सांसे काफी तेज चलने लगती हैं. आनंद की पीड़ा से उसका बदन ऐंठने लगता है या शरीर झटका देने लगता है और वह सिसकारी लेने लगती है कई बार तो उसकी आवाजे चिल्लाने की सीमा तक हो जाती हैं. उसकी योनि की नसें लयबध्द तरीके से सिकुड़ने लगती हैं. उसके आवेग के उत्कर्ष के समय कई लयबध्द सिकुड़न के बाद उसका शरीर पूर्णता की ओर जाता है. यह विश्लेषण या दृढ़ता का चरण होता है- चीजें धीमी और स्थिर होने लगती हैं. लगभग दस मिनट या आधे घंटे बाद यदि उत्तेजित न किया जाय तो उसका शरीर सेक्सुअली गैरउत्तेजित अवस्था में लौट आता है. इसी अंतिम चरण के दौरान कई महिलाएं दूसरे आवेग को भी पा सकती हैं.
सन् 1940 में अमेरिकन सेक्स विशेषज्ञ किन्सी ने पाया कि हर 7 मे से 1 महिला गुणात्मक आवेग का अनुभव करती है. एक दूसरे शोधार्थीटर्मन ने पाया कि यह आंकड़े सत्तयता के काफी निकट हैं. इसी तरह सन् 1960 में मास्टर और जानसन ने पाया कि यदि पर्याप्त उत्तेजित किया जाय तो ज्यादातर महिलाएं एक से ज्यादा चरमोत्कर्ष में सक्षम होती हैं. कई केसों में उन्होने यहां तक पाया कि कुछ महिलाएं दूसरे, तीसरे चौथे, पांचवे और छठवें चरमोत्कर्ष तक में सफल रहीं वह भी पूर्ण संतुष्टि के पूर्व.
एक ताजे सर्वेक्षण के मुताबिक हर उम्र की 106,000 अमेरिकन महिलाओं पर परीक्षण किया गया जिसमें 67% महिलाओं में ज्यादातर समय गुणात्मक चरमोत्कर्ष पसंद किया गया. इनमें से 35 साल की उम्र के ऊपर वालों में हर सातवीं महिला ने हर बार इसे पसंद किया. जिन्होने गुणात्मक चरमोत्कर्ष को पसंद किया उनमें से 66% महिलाओं ने चार से दस बार और 6% ने ग्यारह बार गुणात्मक चरमोत्कर्ष को प्राप्त किया.

हस्तमैथुन
स्पष्टतः कई महिलाएं सामान्यतौर पर आवश्यकतानुसार गुणात्मक चरमोत्कर्ष (multiple orgasms) को प्राप्त करती हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर सहवास के दौरान इसे नहीं पा पाती हैं. क्योंकि ज्यादातर पुरुषों को यह जानकारी हीं नहीं होती है कि उसका पार्टनर मल्टीपल चरमोत्कर्ष वाला है, जबकि वह होती है. ज्यादातर महिलाएं मल्टिपल आवेग की पूर्ति हस्तमैथुन से करती हैं (यह मेरा अपना नजरिया है). सामान्य तौर पर वे सहवास के दौरान की उत्तेजना को कंट्रोल कर लेती हैं और उत्तेजना की अवस्था वही रखती हैं जितनी संभोग के दौरान आवश्यक होती है.
अपने पार्टनर को बताएं कि चरमोत्कर्ष पाने के लिये आपकी उत्तेजना बढाने के लिये वह किस तरह से उंगलियों का प्रयोग कर सकता है.
एक सर्वे के अनुसार पास्टर और जानसन ने पाया कि ज्यादातर महिलाएं ज्यादा संख्या में परमानेद तभी पाती हैं जब वे लिंग के आलावा अन्य साधन प्रयुक्त करती हैं. वहीं कुछ महिलाएं - अनुमानित लगभग तीन में से एक-एक ही बार में पुरुष संसर्ग से पूर्णतः संतुष्ट हो जाती हैं. कुछ महिलाओं का कहना है कि चरमोत्कर्ष के पश्चात की उत्तेजना कष्टकारक और आनंद न देने वाली होती है, और यह उनके लिये बाद में होने वाले किसी आनंद को खत्म कर देती है.
परन्तु भगशिश्न द्वारा प्राप्त उत्तेजना से प्रथम बार मिलने वाल चरमोत्कर्ष सबसे बेहतर होता है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसे अगले सहायक अनुक्रम के चरमोत्कर्ष में भी प्रयुक्त किया जाय. क्योंकि उत्तेजना के दृढ़ चरण में भगशिश्न स्थिर तरीके से उत्तेजित होती है, इस दौरान यह अपने सुरक्षात्मक आवरण से बाहर निकल आती है. यह अवस्था अति संवेदनशील होती है और इसे सीधे उत्तेजित करना कष्टकारक भी हो सकता है. इसलिये इस दौरान भगशिश्न को उत्तेजित करने के लिए कुटिल (indirectly) रूप मे किसी अन्य तरीके का प्रयोग करना चाहिए. इसके लिये उसके पूरे भग क्षेत्र को सहलाना चाहिये, जबकि भगशिश्न से बचा जाना चाहिये. साथ ही महिला के शरीर के अन्य हिस्सों को उत्तेजित करने का प्रयास करें.

क्या गुणात्मक चरमोत्कर्ष आवश्यक है?
शायद, लेकिन जब मानव सेक्सुअलिटी की बात आती है तो ‘जितना ज्यादा उतना अच्छा ’ का सिध्दांत यहां पूर्ण सत्य नहीं होता है. यहां पूर्णतः महिलाओं के ऊपर निर्भर करता है कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं, और यह पसंद भी अलग-अलग महिलाओं की अलग-अलग होती है. जैसे कई महिलाओं का मानना है कि उनकी दूसरी और तीसरी उत्तेजना (orgasm) पहली की अपेक्षा काफी उंचे दर्जे की होती है. तो कुछ का मानना है कि पहली उत्तेजना ही सबसे बेहतर होती है. इसलिये गुणात्मक चरमोत्कर्ष निहायत तौर पर महिलाओं की निजी पसंद का मामला होता है. महिलाएं ऐसे पुरुषों को नापसंद करती हैं जो उनके चरमोत्कर्ष के समय पूर्ण समर्पण के बाद शारीरिक रूप से खाली हो जाता है.

चित्तवृत्ति और अवस्था के अनुरूप
निश्चित तौर पर , सभी महिलाएं प्रत्येक सेक्स क्रिया या हस्तमैथुन के दौरान जरूरी नहीं है कि चरमोत्कर्ष को दोहराएं. ज्यादातर महिलाओं के अनुसार गुणात्मक चरमोत्कर्ष की इच्छा पीरियड के दौरान या फिर ठीक पीरियड के पहले या बाद में या फिर गर्भावस्था के बीच के तीन महीने या फिर कम ऊंचे दर्जे के उत्कर्ष के दौरान होती है. जबकि कुछ महिलाओं के लिये हर सेक्स क्रिया या हस्तमैथुन के बाद गुणात्मक चरमोत्कर्ष की इच्छा होती है. इसलिये यह कहा जा सकता है कि गुणात्मक चरमोत्कर्ष कुल मिला कर मूड के ऊपर भी निर्भर करता है.
डॉगी सेक्स पोजीशन गुणात्मक चरमोत्कर्ष प्राप्त करने की एक बेहतरीन पोजीशन है. क्योंकि इस पोजीशन में पुरुष किसी महिला के जी - स्पॉट को उत्तेजित करने में आसानी से सक्षम होता है.
यदि कोई महिला यह महसूस करती है कि वह गुणात्मक चरमोत्कर्षको पसंद करती है और अभी उसे एक ही उत्तेजना की अनुभूति हो पा रही है तो ऐसी कई चीजें हैं जिनसे वह ऐसा कर सकती है.
इसके लिये या तो वह अपने पार्टनर को बताए या फिर अपने हस्तमैथुन के दौरान कुछ प्रयोग कर सकती है. ऐसा करने पर अगली बार आप कुछ ज्यादा सेक्सी अनुभव करेंगी. इसके लिये आप हस्तमैथुन के दौरान वे सभी कृत्य करें जिससे आप को आनंद की अनुभूति हो, तथा उसे ध्यान रखते जाएं. अपनी उंगलियों के माध्यम से कुछ ऐसा जरूर कर जाएं जो आपको सबसे अधिक आनंद की अनुभूति दे. और आप जब अत्यधिक सेक्सी अनुभव करने लगे तो फिर अपने पार्टनर को प्रेरित करें कि वह अपनी जिह्वा या उंगलियों के सहारे आपके भगशिश्न को उत्तेजना प्रदान करे. इस क्रिया से आपको अपने पहले चरमोत्कर्ष के दौरान काफी आनंद का अनुभव होगा. इसके पश्चात आप उसे गाइड करें कि आपको हस्तमैथुन के दौरान और क्या अच्छा लगा, और इसके लिये आप उससे क्या अपेक्षा रखती हैं. इसमें जरूरी नहीं कि पार्टनर स्वयं उत्तेजना को प्राप्त कर आपको आनंद दे लेकिन आपके द्वारा बताई गई क्रियाएं उसे उत्तेजित करने के साथ आपको भीचरमोत्कर्ष की ओर ले जाएंगी. इस दौरान जब आप महसूस करें कि अब आप चरमोत्कर्ष के काफी निकट हैं तब आप अपने पार्टनर को प्रवेश के लिये कहें.