सेक्स के जरूरी है कि पार्टनर को सेक्स के लिये तैयार किया जाय. यह प्रक्रिया फोरप्ले कहलाती है. इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है चुंबन. हाल में हुए अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि पूरे आवेग से लिया गया चुंबन एक खास किस्म के कांप्लेक्स केमिकल को दिमाग की तरफ भेजता है, जिससे व्यक्ति खुद को ज्यादा उत्तेजित, खुश अथवा आरामदायक स्थिति में महसूस करता है।
प्यार का इजहार करने के लिए चुंबन से बढ़कर शायद ही कोई दूसरा माध्यम हो। एक प्यार भरा चुंबन प्रेमी या प्रेमिका को दिन भर की तमाम उलझनों से मुक्त करके एक प्यार भरे संसार में ले जा सकता है। चुंबन के महत्व को देखते हुए यहां चुंबन के विभिन्न प्रकारों को बताया जा रहा है-
1.बिगिनर्स किस- इस किस का अर्थ दो होठों के साधारण मिलन से है। यह किस होठों को ब्रुश के समान स्पर्श करके या हल्का दबाकर किया जाता है। इस किस के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत नहीं होती। अपने लवर को चारों तरफ से चूमकर इस किस को अंजाम दिया जाता है।
2.बटरफ्लाई किस- अपनी आंखों की बरौनी से प्रेमी के होठों, आंखों के बाल, गाल और गर्दन के स्पर्श को बटरफ्लाई किस कहते हैं।
3.लार किस- इस प्रकार का किस को पूरी गर्मजोशी के साथ किया जाता है। जब आप अपने प्रेमी को पूरी आत्मीयता से किस करें तो अपने होठों को धीर से हटा लें और लार की कुछ बूंदे प्रेम से उनके मुख में टपका दें।
4.फ्रेंच किस- फ्रेंच किस में अपनी जीभ अपने प्रेमी के मुख की कोमल त्वचा में डालकर उसे चारों ओर घुमाया जाता है। मुख से मुख मिलाकर फ्रेंच किस किया जाता है।
5.लवर्स पास- जब आप अपने प्रेमी को कुछ उत्तेजना भरा संदेश देना चाहें तो यह किस अपनाया जाता है। इसमें चाकलेट, फल या बर्फ का टुकड़ा अपने होठों से दबाकर अपने प्रेमी के होठों का स्पर्श किया जाता है। स्पर्श के बाद अपनी जीभ के सहारे दबाया गया टुकड़ा अपने प्रेमी के मुख में डाल दिया जाता है।
6.लस्ट लैप- यह किस पूरे नियंत्रण के साथ किया जाता है। इस किस में होठों से दबाकर चाटा जाता है। अपने होठों से अपने प्रेमी के होठों और त्वचा को सख्ती से दबाकर इसका आनंद लिया जाता है।
7.मेडिवल नेकलेट- कहा जाता है कि इस प्रकार का किस मध्यकाल के नाइट्स अपनी प्रेमिका या पत्नी को करते थे, जब वह लो कट नेकलाइन्स पहनती थीं। इस किस में उनकी गर्दन को चारों तरफ से धीरे-धीरे चूमा जाता था। पुरूष और महिलाएं दोनों इस प्रकार के चुंबन का लुत्फ उठाते थे।
8.मेडिटिरनियन फ्लिक- कहा जाता है कि इस चुंबन की उत्पत्ति लैटिन के प्रेमियों ने की थी। इस चुंबन का आनंद लेने के लिए लैटिन प्रेमी मिठाई के दानों को अपने प्रेमी के शरीर पर डालते थे। उसके बाद अपनी जीभ से उनके शरीर पर धीरे से हमला करते थे। अपने प्रेमी के शरीर की मनपसंद जगह में इन मिठाई के दानों को डाला जाता था। स्तन और पेट के आसपास के चुंबन से इसका विशेष रूप से आनंद लिया जाता है।
9.नॉटी डॉग- यह किस शरीर के सर्वाधिक संवेदनशील हिस्सों खासकर गर्दन, छाती, पेट और निचली जांघों में किया जाता है। अधखुला मुंह खोलकर इन हिस्सों का स्पर्श किया जाता है। छाती के निचले हिस्सों विशेषकर स्तन के निप्पलों को चूमने में विशेषरूप से आनंद आता है।
10.स्लाइडिंग किस- इस चुंबन में जीभ आगे पीछे गति करती है। जिस प्रकार क्रीम या सॉस को चाटा जाता है ठीक उसी प्रकार स्लाइडिंग किस किया जाता है। फोरप्ले में यह किस काफी उपयोगी होती है।
Friday, October 23, 2009
चुंबन से होती है सेक्स की शुरुआत
Tuesday, October 20, 2009
फोरप्लेः जाने इसके बारे में
हमारे पास अक्सर फोरप्ले को लेकर तरह तरह के सवाल आते हैं. इनमें ज्यादातर यह जानना चाहते हैं कि फोरप्ले होता क्या है, फोरप्ले किसे कहा जाता है... आदि... आदि. यहां हम उनके इन्ही सवालों का जवाब देने का प्रयास कर रहे हैं.
सेक्स के मामले में स्त्री-पुरुष की कामेच्छा लगभग एक समान ही होती है, लेकिन पुरुष की कामेच्छा स्त्री की कामेच्छा की अपेक्षा जल्दी जागृत होती है. इसी असमानता को बराबर करने के लिये संभोग के पूर्व कुछ क्रियाएं की जाती हैं जिन्हे फोरप्ले कहा जाता है. वैज्ञानिक तौर पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि मर्द जब स्त्री के अंग-अंग का भरपूर आनंद लेता है तभी स्त्री को परम आनंद मिलता है. पुरुष , स्त्री को प्यार करता है , सेक्स के लिए – जबकि औरत सेक्स के सहारे प्यार चाहती है. तभी तो जब मर्द उसको उत्तेजक स्पर्श करता हुआ उसके कोमल अंगो से खेलता है तो औरत इनकार नही करती बल्कि उसका प्यार पाने के लिए वो समर्पण की मुद्रा मे आ जाती है- यह उत्तेजक स्पर्श ही फोरप्ले कहलाता है- जो दोनो को संभोग की मंजिल तक ले जाता है.
फोरप्ले और उद्दीपन सफल और आनंदमय प्रेम व्यवहार के लिए आवश्यक है – अगर संभोग मुख्य भोजन है तो फोरप्ले एक स्नॅक्स की तरह है और सभी जानते है की भोजन ( संभोग) मे सबसे अधिक मुह मे पानी लानेवाला यही स्नॅक्स हो सकता है- कभी कभी तो इन्ही भूख जगानेवाली चटपटी चीज़ो से सम्पूर्ण तृप्ति पाई जा सकती है. सभी उत्तेजक स्पर्श से संभोग का मज़ा दुगना हो जाता है. फोरप्ले के दौरान सभी पाँचो इन्द्रियां ( स्पर्श-गंध-दृश्य-ध्वनि-और स्वाद ) सक्रिय रोल अदा करती है –
स्पर्श : स्पर्श का प्यार और सेक्स से गहरा रिश्ता है – थोड़ी तन से छेड़ छाड़ – तन से तन का स्पर्श ही काम की इच्छा को जागृत करता है.
सुखद सुगंध - रति कीड़ा मे , सुगंध भी एक अहम भूमिका निभाती है. प्राचीन काल मे तरह -तरह के इत्र का इस्तेमाल होता था. महकता बदन और बेडरूम में मदहोश करने वाली सुगंध से काम की इच्छा को और बढ़ा देती है.
दृश्य : मर्द की कामुक निगाहें और आंखों से कामुक इशारे – औरत को खुश करते है और औरत भी अपनी सेक्स अपील उभारने के लिए –झीनी नाइटी या उत्तेजक पोशाक का सहारा लेती है और जो जरूरी भी है के मर्द की दृष्टि पड़ते ही, काम की भावना के वशीभूत हो जाए.
ध्वनि : संवाद भी जरूरी है – कुछ मदहोश करने वाली बातें, सेक्सी जोक्स -जिसे हम कामुक भाषा कहते है यह भी बहूत जरूरी है.
अतुलनीय स्वाद : जैसे होठो का रसास्वादन – यह भी संभोग की और ले जाते है जिससे परम सुख मिलता है. वैसे तो मर्द– औरत के अंगो को चूमता है , जीभ से चाटता है
कुल मिलाकर यह सब फोरप्ले ही कहलाते है और काम की इच्छा को जगाते है और सेक्स की क्रिया को सरल व सम्पूर्ण बनाते है - क्योंकि स्त्री पुरुष को एक अद्भुत आंनद मिलता है - फोर प्ले मे जितना समय लगाएँगे –उतनी ही कामोत्तेजना आप में जागेगी – मर्द के हाथ और जीभ फोर प्ले के मुख्य उपकरण का काम करते है इन्ही के सहारे आप स्त्री के तन से उन अंगो को पहचान सकते है , जिनसे वो जल्दी उत्तजित होकर समर्पण कर दे.
फोरप्ले स्त्री के अंगो का स्पर्श करना, उन्हे छूना - सहलाना - चुंबन लेना – दुलारना - पुचकारना – सभी कुछ है- दूसरे शब्दों में -मर्द , स्त्री के कामोत्तेजक अंगो से खेलना और उसे आनंद के चरम सीमा तक पहुचा कर सेक्स के लिये राजी करना है- पुरुष के ऐसे फोरप्ले से औरत कैसे चुप रह सकती है – जब मर्द उनके होटो-गर्दन–स्तन से होते हुए संभोग क्रिया संपन्न करते है.
फोरप्ले के दौरान की जाने वाली गड़बडियां
फोरप्ले, सेक्स का एक अहम हिस्सा है जब युगल अपने आप को उन अंतिम चरम क्षणों के लिए तैयार करते हैं. लेकिन फोरप्ले के दौरान कुछ ऐसी गलतियाँ हो सकती है जिससे आपके सेक्स जीवन में नीरसता व्याप्त हो जाए. कुछ ऐसी ही गलतियाँ निम्नलिखित हैं.
जल्द निपटारा: फोरप्ले सेक्स का एक हिस्सा है ना कि सेक्स के पहले का शुरूआती दौर. कई युगल, विशेषरूप से पुरूष, फोरप्ले के दौरान हडबडी दिखाते हैं. यहाँ यह समझना जरूरी है कि पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को सेक्स के लिए तैयार होने में समय लगता है और अच्छा फोरप्ले उनके लिए बेहद जरूरी होता है. इसलिए फोरप्ले के दौरान हडबडी करने से बचना चाहिए. फोरप्ले यदि थोडा अधिक समय तक चले तो भी कोई हर्ज नहीं है बल्कि यह चरम क्षणों के दौरान आपके रोमांच को बढाता ही है.
काटना: फोरप्ले के दौरान उत्तेजित होकर अथवा मजाक में अपने साथी के गले अथवा कान को काटना एक आम प्रवृति है. लेकिन इस दौरान ध्यान ना रखने से आपके साथी को चोट लग सकती है. कभी भी उत्साह में आकर होश ना खोएँ और ध्यान रखें की आपके काटने से साथी को चोट ना लगे.
नाखुनों का हमला: महिलाओं के हाथों के नाखुन आम तौर पर बढे हुए होते हैं. प्रेम के क्षणों के दौरान महिलाएँ अपने नाखुनों का इस्तेमाल करती हैं. यहाँ भी ध्यान देने योग्य बात है कि उनके नाखुनों से कहीं उनके पुरूष मित्र को चोट ना लग जाए. यह ना केवल प्रेम के उन क्षणों को पलभर में समाप्त कर देता है बल्कि आपके रोमांचक पल दवाई लगाने में लग सकते हैं.
स्नायूओं का खिंचाव: सेक्स एक अच्छी कसरत जरूर है, लेकिन कसरत भी एक हद तक ही उपयोगी होती है. कसरत करने का भी एक प्रकार होता है और उसका ध्यान ना रखने से चोट लग सकती है. सेक्स के दौरान भी ध्यान रखें की उत्साह में आकर आप कोई इस तरह का आसन ना अपना लें जिससे आपके स्नायूओं पर अनावश्यक बोझ पडे और मोच तथा सूजन आ जाए.
लंबा न खींचे: फोरप्ले छोटा ना हो यह जरूरी है, लेकिन इतना लम्बा भी ना हो कि आप चरम आनंद प्राप्त करने के लिए शयनकक्ष में जाएँ और जाते ही थकान के मारे सो जाएँ. यकीन मानिए, कई युगलों को यह परेशानी रहती है कि फोरप्ले के बाद वे दोनों इतना थक जाते हैं, नींद अपने आप आ जाती है. वैसे कोई भी यह नहीं चाहेगा.