Saturday, June 30, 2007

अन्य सेक्स पोजीशन (भाग1)

सेक्स मूलतः रिश्तों की अंतर्दशा का शारीरिक पर्याय है. दो विपरीत लिंगियों या समलिंगिंयो के बीच के रिश्ते ही सेक्स की धारणा को मजबूत करते है. फिर उनके बीच रिश्तों की डोर कितनी मजबूत और किस स्तर की है इसपर भी सेक्स व उसका तरीका निर्भर करता है. रही बात आज के समय में रिश्तों की तो वह दिन-ब-दिन बदलते रहते है. यही वजह है कि सेक्स भी दिन-ब-दिन बदल रहा है.
कुछ लोगों की शिकायत होती है कि उनके सेक्स जीवन में नीरसता आ गई है. तो यहां भी रिश्तों की कमजोरी ही सामने आती है. क्योंकि कुछ समय बाद रिश्तों की गर्माहट भी कम होने लगती है. रही बात सेक्स नीरसता की तो रोमांच और परिवर्तन कुछ ऐसे पहलू है जो रिश्तों में तो गर्माहट लाते ही हैं साथ ही सेक्स को भी आनंददायी बनाने में सहायक होते हैं. यहां हम कुछ अन्य सेक्स पोजीशन दे रहे हैं जो काफी रोमांचक हैं. दूसरी ओर यह भी सत्य है कि परिवर्तन सदैव लोगों को पसंद आता है इसलिये जितनी ज्यादा पोजीशन की जानकारी होगा उतना ही बेहतर वे सेक्स करने में सफल हो सकते है.

1.महराब पोजीशनः
यह पोजीशन मिशनरी सेक्स पोजीशन का परिवर्तित रूप है. यह पोजीशन गहरा प्रवेश देती है तथा हस्त उत्तेजना का भी पर्याप्त अवसर देती है. यह आसान पोजीशन मानी जाती है तथा स्त्री-पुरुष दोनों को समान आनंद का अवसर प्रदान करती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पीठ के बल महिला को लेटना होता है. फिर वह अपने तलवों को सतह पर रखकर पांव की पोजीशन ऐसे कर जैसे बैठने के दौरान होते है. अर्थात घुटनों से पांव मोड़ ले. इसके पश्चात महिला अपना भग क्षेत्र अपनी उच्चतम सीमा तक उपर उठाए इस दोरान उसके कंधे सतह से ही लगे रहेंगे. इसके पश्चात पुरुष घुटनों के बल उसके भग क्षेत्र के सामने से निकट पहुंचता है तथा योनि व शिश्न के एक सीध में आ जाने पर प्रवेश की क्रिया को अंजाम देता है. इसके पश्चात जब महिला स्थिर व दृढ़ अवस्था में आ जाए तो धक्के की क्रिया आरंभ कर दें. जब धक्कों की गति बढ़ानी हो तथा महिला से भी धक्कों की प्रतिक्रिया चाहनी हो तो अपने हाथों से उसके कूल्हों को पकड़े या सहारा दे सकते हैं. इस पोजीशन में पुरुष चाहे तो महिला के स्तनों या गुप्तांगों को सहला कर उत्तेजना में वृद्धि कर सकता है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयनः
तकियाः
महिला अपने गर्दन व सर के नीचे तकिया रख कर पोजीशन को ज्यादा आरामदायक बना सकती है.
हाथः पुरुष सेक्स क्रिया को ज्यादा आरामदायक बनाने के लिये महिला के कूल्हों को अपने हाथों का सहारा दे सकता है.

परिवर्तनः
- गहरा भेदन
- ड्रिल पोजीशन
- मिशनरी पोजीशन



2.तितली पोजीशनः
यह महिलाओं की पसंदीदा पोजीशन मानी जाती है. जिन्हेंगुणवत्ता युक्त चरमोत्कर्ष की चाहत होती है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर मानी गई है. यह पोजीशन बगैर ज्यादा उर्जा खर्च किये कल्पनालोक की सैर कराती है. इस पोजीशन का सही आनंद उठाने के लिये महिला के लेटने का तरीका काफी महत्वपूर्ण होता है. इसके लिये महिला को सही उंचाई के बिस्तर, डेस्क, काउंटर, टेबल या फिर कार के हुड पर लेट सकती है लेकिन यह ध्यान रखें कि महिला का भगक्षेत्र लेटने वाले बिस्तर के किनारे पर होना चाहिए तथा पुऱुष के घुटनों से एक फीट से ज्यादा उपर न हो. अब जब महिला का पार्टनर उसके सामने हो तो वह पीठ के बल लेट जाए. इसके पश्चात अपने पैर उपर उठाकर पुरुष के कंधों पर टिका दें(यदि महिला कम उचाई वाली जगह पर लेटी है तो पुरुष घुटनों के बल बैठ सकता है यदि ऊंची जगह पर महिला लेटी है तो पुरुष खड़े रहकर पोजीशन को अनुरूप कर सकता है) . इसके पश्चात महिला अपने भग क्षेत्र को कूल्हों पर दबाव देते हुए तब तक उपर उठाएजब तक कि योनि शिश्न के सामने तक न पहुंच जाएं. इससे प्रवेश का बेहतरीन एंगल बनता है.इस दौरान आ प चाहें तो उसे अपने कूल्हों के नीचे हाथ लगाने को कह सकती है जिससे वह भी आपके भग क्षेत्र को अपने हिसाब से एडजस्ट कर सकता है. एक बार इस अवस्था में प्रवेश क्रिया शुरू होने के बाद ज्यादा आनंद के लिये पुरुष नीचे से हाथ हटाकर महिला के शरीर की अन्य पसंदीदा जगहों पर हाथ फेरने के लिये स्वतंत्र होता है. इस पोजीशन दोनो की दृश्यता एक दूसरे के अंगों पर होने के कारण ज्यादा उत्तेजक होती है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयनः
तकियाः महिला अपनी सुविधानुसार नीचे तकिया लगाकर पोजीशन को आरामदायक बना सकती है.
हाथः पुरुष इस पोजीशन में अपने हाथों उसके गुप्तांगों में फेर कर सेक्स आनंद को और बढ़ा सकता है.

परिवर्तनः
- हर्षित पोजीशन
- मिशनरी पोजीशन
- पेंच पोजीशनः
इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है तथा अपना भगक्षेत्र लेटने वाली वस्तु के किनारे पर करके अपने पांव घुटनों से मोड़ लेती है. तथा जांघों को बिस्तर के किनारे के समानान्तर कर लेती है.







3.गहरा भेदन पोजीशनः
इस पोजीशन और तितली पोजीशन में जो मूल अन्तर है वह यह है कि तितली पोजीशन में महिला का भग क्षेत्र बिस्तर के किनारे पर होता है जब कि इस पोजीशन में ऐसा नहीं होता है. इस पोजीशन में महिला का भगक्षेत्र और पुरुष के घुटने एक ही सतह पर होते है. इस पोजीशन को प्राप्त करने के लिए महिला अपनी पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगों को उठाकर पुरुष के कंधों पर रख देती है. इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल जिसमें टांगें उसकी बाहर की ओर फैली होती है (अर्थात पुरुष के पांव घुटनों से तलवे तक सतह से सटे रहते है या वे सतह के समानान्तर रहते हैं). इस अवस्था में वह प्रवेश की तैयारी करता है. इस पोजीशन में यदि महिला अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लेती है तो पोजीशन काफी आरामदायक हो जाती है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयनः
तकियाः
महिला अपनी सुविधानुसार नीचे तकिया लगाकर पोजीशन को आरामदायक बना सकती है.
हाथः पुरुष इस पोजीशन में अपने हाथों उसके गुप्तांगों में फेर कर सेक्स आनंद को और बढ़ा सकता है.

परिवर्तनः
- महराब पोजीशन
- आनंद का आइना
- मिशनरी पोजीशन

- पेंच पोजीशन





4.हर्षित पोजीशनः
यह काफी आनंददायी और सहज पोजीशन है. इसमें पार्टनरों की निकटता होने तथा एक दूसरे को सहजता से देख पाने के कारण इस पोजीशन में काफी आनंद आता है. यह तितली पोजीशन में थोड़े संशोधन के बाद सहजता से प्राप्त हो जाता है. इस पोजीशन के लिये महिला किसी बिस्तर के किनारे पर पैर नीचे करके बैठ जाती है. फिर वो अपनी टागों को खोल लेती है अर्थात उसके टखने और कंधे एक समानान्तर अवस्था में आ जाते है. साथ ही इस पोजीशन के लिये महिला चाहे तो बिस्तर के अलावा डेस्क, काउंटर, टेबल या फिर कार के हुड पर भी बैठ सकती है. इस पोजीशन में पूरा आनंद पाने के लिये महिला के कूल्हे बिस्तर के एकदम किनारे होने चाहिए बल्कि थोड़ा से बाहर भी हों तो ज्यादा बेरतर होगा. अब पुरुष महिला के बैठने की उंचाई व अपनी सुविधानुसार चाहे तो घुटनों के बल बैठ कर या फिर खड़े होकर प्रवेश क्रिया पूरी कर सकता है. यह पोजीशन पुरुष को धक्कों की काफी स्वतंत्रता देती है.
यह पोजीशन कई कारणों से काफी रोमांचक भी बनती है . इस पोजीशन में पार्टनरों के चेहरे काफी पास होने के कारण एक दूसरे को चूमने की काफी स्वतंत्रता होती है. साथ ही इस पोजीशन में पुरुष काफी गहराई तक प्रवेश कराने में सक्षम होता है. इस पोजीशन की थोड़ी कमी यह है कि इस पोजीशन में सेक्स क्रिया के दौरान कभी-कभी पुरुष के शीघ्र स्खलित होने की भी संभावना रहती है. जिसे धक्कों को रोक कर खत्म किया जा सकता है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
------------------------------------------------
· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयनः
तकियाः
पुरुष जब घुटनों के बल हो तो घुटनों के नीचे तकिया लगा कर पोजीशन को आरामदायक बना सकता है.महिला भी चाहे तो अपने नीचे तकिया लगा सकती है.
हाथः इस क्रिया पुरुष के हाथ स्वतंत्र रहते हैं इसलिए वह इनका उपयोग महिला के शरीर में फेरकर उत्तेजना में वृद्धि कर सकता है.

परिवर्तनः
- तितली पोजीशन
- मिशनरी पोजीशन

- पेंच पोजीशन

2 comments:

Anonymous said...

malayalam mein paribhasha karega to patneko asaan hotatha.

Ramesh Chandra said...

very nice for this article. this article is not only ramantic but gives extra knowledge about human body science.

thanks for this article.