आमतौर पर कहा और सुना जाता है कि मोटे लोग सेक्स का सही लुत्फ नहीं उठा पाते हैं लेकिन यह गलत है. यह जरूर है कि सामान्य युगल की तरह वे सेक्स के तौर तरीके नहीं अपना सकते हैं लेकिन सामान्य पोजीशनों में थोड़ा बहुत परिवर्तन करके वे सेक्स का पूरा आनंद उठा सकते हैं.
दरअसल सामाजिक तौर पर लोगों के द्वारा बनाए गए मिथक और ताने मोटे लोगों को सेक्स विरक्त या सेक्स के अयोग्य साबित करते हैं जबकि मोटे लोग भी सेक्स का आनंद एक आम आदमी की ही तरह ले सकते हैं. यहां प्रयास किया जा रहा है कि मोटे लोगों को सेक्स के चरम तक पहुंचाया जा सके... सेक्स पोजीशन पर जानकारी से पहले यह जान लेना जरूरी है कि किन वजहों से मोटे लोग सेक्स में असफल होते हैं-कहा जाता है कि मोटे लोग सेक्स में असफल होते हैं लेकिन मैं यहां बता देना चाहूंगा कि उनकी सेक्स में असफलता का कारण शारीरिक कम बल्कि मानसिक ज्यादा होता है. दरअसल मोटापे की शुरुआत से साथ ही सामाजिक तानों के द्वारा उनके दिमाग में यह भर दिया जाता है कि वे सेक्स करने में पूर्ण सफल नहीं होगे. यही बात उनके दिमाग में घर कर जाती है और वे दिमागी तौर पर सेक्स के लिये असफल होने लगते हैं. वहीं दूसरी ओर यह धारणा भी बन चुकी है कि मोटे लोग सेक्स उत्तेजना नहीं पाते यह भी उन्हे मानसिक तौर पर सेक्स के प्रति कमजोर करती है. जबकि हकीकत इसके उल्टी है. देखा यह गया है कि मोटे लोग ज्यादा सेक्स उत्तेजना को पाते हैं. तथा सेक्स का ज्यादा आनंद ले सकते हैं बजाय सामान्य युगल के.
अब आते हैं मोटे लोगों की सेक्स पोजीशन पर तो यहां यह समझना भी जरूरी है कि मोटापा कैसा है. दरअसल मोटापा कई प्रकार का होता है. कुछ लोगों की जांघे मोटी होती हैं तो कुछ के कूल्हे और कुछ पेट से ज्यादा मोटे होते हैं. इस आधार पर सुविधा अनुरूप अलग-अलग मोटाई के अनुसार सेक्स पोजीशन का चयन किया जाता है. साथ ही यह भी देखा जाता है पार्टनर में कौन मोटा है. महिला मोटी है या पुरुष या फिर दोनो मोटे हैं.
यहां हम शुरू करते हैं मिशनरी पोजीशन(देखें जब पुरुष उपर हो कि चौथी पोजीशन) से. यह सामान्य तौर पर हर वर्ग के लिये शुरूआती पोजीशन मानी गई है. और मोटे लोगों के लिये भी यह काफी बेहतरीन पोजीशन बन सकती है बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाये. अपनी शारीरिक संरचना के अनुरूप थोड़े परिवर्तन कर इसे काफी आनंददायी बनाया जा सकता है. जैसे कुछ मोटी महिलाओं का पेट काफी बड़ा या झूलता हुआ होता है इस स्थिति में वे मिशनरी पोजीशन में काफी परेशानी महसूस करती हैं. इस परिस्थिति में आप अपने कूल्हों के नीचे तकिये रखें (आवश्यकता अनुरूप) यह आपको इतना उपर उठा देगा कि आपका पार्टनर आपके पैरों(जांघों) के बीच घुटनों के बल बैठ सकता है. अब यदि आप "सही" उंचाई (यह इस पर निर्भर करते हुए भिन्न हो सकती है कि किस कोण पर आप दोनों सहज महसूस करते हैं) पर हैं तो वह अपने लिंग को आसानी व सुविधाजनक तरीके से आपकी योनि में प्रवेश करा सकता है, इस दौरान वह आपके कूल्हों को अपने हाथों से सहारा दे सकता है या फिर उसके हाथ जहां से आप के घुटने मुड़ रहे हैं, वहां रखकर टांगों के फैलान को नियंत्रित कर सकता है. यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि इस पोजीशन में महिला का शरीर नीचे झूलने की वजह से उसका पेट खिंच कर पीछे चला जाता है और योनि से दूर हो जाता है जो प्रवेश की कई परेशानियों को कम कर देता है. इस पोजीशन को युगल चाहे तो अपनी सुविधा के अनुरूप परिवर्तित करके अपने लिये ज्यादा आनंददायी और आरामदायक बना सकते हैं.
लेकिन यह पोजीशन उन महिलाओं के लिये उपयुक्त नहीं साबित होती है जिनका पेट बड़ा होने के साथ-साथ जांघें भी अपेक्षाकृत ज्यादा भारी और मोटी होती है. इस अवस्था में जांघों के बीच गैप कम मिलने से पुरुष को प्रवेश के दौरान या फिर घर्षण के समय परेशानी हो सकती है जिससे काम क्रीड़ा उतनी आनंददायी नहीं रह जाएगी. वहीं दूसरी ओर इस पोजीशन में जिस पुरुष को प्रवेश के लिये पर्याप्त समीपता नहीं मिल पाती वह इस पोजीशन का उपयोग भगशिश्न (clit) उत्तेजना के लिये कर सकता है. इसके लिये वह अपने लिंग की सहायता से महिला के भगशिश्न को रगड़ कर महिला को उत्तेजना के चरम तक पहुंचा सकता है.
इस पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन करके ज्यादा मोटी और भारी जांघों वाली महिलाओं के उपयुक्त बनाया जा सकता है. इसमें मिशनरी पोजीशन में परिवर्तन की शुरुआत पुरुष की महिला के जांघो के बीच, और प्रवेश से होती है. इसके पश्चात महिला अपने पांवों को सीधी या समतल स्थिति में ले आती है. इसके पश्चात पुरुष अपने एक पांव को उठाकर महिला के एक पांव के उपर कर लेता है. इस स्थिति में वह उसकी कमर पर झूल सा जाता है. अब महिला अपने दोनों पांवों को एक दूसरे की ओर ले आती है. तब पुरुष अपने दूसरे पांव को भी उपर उठा कर पूरी तरह से महिला के उपर आ जाता है. इस स्थिति में महिला का टांगे पुरुष के लिंग के चारों ओर आ जाती है और पुरुष काम क्रीड़ा का आनंद ले व दे सकता है. हालांकि यह पोजीशन शुरुआती दौर में थोड़ी कठिन जरूर है लेकिन अभ्यास के बाद यह काफी आनंददायी साबित होती है. लेकिन इस पोजीशन में लिंग को बाहर चरम अवस्था तक बाहर नहीं निकालना है.
ठीक इसी तरह शुरुआती पोजीशन को थोड़ा उल्टा कर देने से यह मोटी और भारी टांगों वाली महिलाओं तथा मोटे पेट वाले पुरुषों को गहरे प्रवेश का पूर्ण आनंद दे सकता है. इसके लिये पुरुष को महिला की तरह अपने कूल्हों के नीचें पर्याप्त उंचाई तक तकिये रख कर लेटना होगा. फिर महिला पुरुष के लिंग के उपर अपनी टांगे पुरुष के दोनो ओर करके खड़ी हो जाए. इस दौरान महिला अपनी टांगों को पर्याप्त दूरी तक फैला ले. फिर महिला घुटनों से अपनी टांगे मोड़ते हुए योनि को लिंग के उपर लाकर प्रवेश क्रिया को पूरा करे. इस अवस्था में महिला की टांगे पूरी तरह से 180 अंश के कोण पर होंगी और बीच में योनि पूरी तरह खुली होने से लिंग पर्याप्त गहराई तक जा सकेगा. इस पोजीशन में मोटे पेट वाले पुरुषों का पेट भी पीछे की ओर खिसक जाने से उसे भी पर्याप्त गहराई में प्रवेश की जगह मिल सकेगी.
अब हम बताते है दूसरी पोजीशन के बारे में इसमे महिला अपनी किसी भी करवट के बल लेट जाए. इस अवस्था में वह अपना नीचे वाला पांव सीधा फैला ले तथा अपना उपर वाला पांव उठाते हुए अपने स्तनों की ओर ले जाए. अब पुरुष महिला के नीचे वाले पांवों के समानान्तर अपने पांव फैलाते पीछे की ओर से लेट जाए. फिर उसके भग क्षेत्र से खुद को सटाते हुए प्रवेश क्रिया पूर्ण करे. इस पोजीशन में महिला का भग क्षेत्र पूरी तरीके से खुल कर सामने आ जाने से गहरा प्रवेश आसान हो जाता है.
इसी तरह ज्यादा मोटे और झूले पेट वाली महिलाओं के लिये श्वान(doggy) पोजीशन काफी उपयुक्त रहती है. इस पोजीशन में प्रवेश के दौरान महिला का पेट आड़े नहीं आता है. साथ ही इस पोजीशन में महिला को जी-स्पॉट सेक्स का भी आनंद मिलता है.
यदि दोनों पार्टनरों के पेट काफी बड़े है इसके लिये सबसे बेहतर पोजीशन है कि पुरुष अपने कूल्हों के नीचे तकिया लगाकर लेट जाए और अपनी टांगे सीधे फैलाते हुए खोल ले. इसके पश्चात महिला पुरुष के पांवों की ओर मुंह करके अपनी टांगों को कुछ दूरी पर रखते हुए घुटनों से जाघों को मोड़ते हुए योनि को लिंग में प्रवेश कराएं. इससे दोनों के पेट आपस में नहीं टकराने से प्रवेश गहरा व आरामदायक होता है.
जिस महिला के कूल्हे काफी बड़े होते है वह श्वान पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन करके सेक्स का पूरा आनंद उठा सकती है. इसमें महिला घुटनों के बल लेट जाती है इस दौरान वह अपने स्तनों को सतह से सटा देती है. इस अवस्था में पीछे की ओर से योनि का ज्यादातर हिस्सा खुल जाता है. फिर भी कूल्हों की साइज बड़ी होने पर वह अपने हाथों की सहायता से कूल्हों को पकड़ कर खींचते हुए योनि को खोल लेती है. अब पुरुष इसमें प्रवेश के लिये तैयार है. यदि पुरुष का भी पेट बढ़ा तथा झूल रहा है तो वह अपने पेट को कूल्हों के उपर टिकाते हुए योनि में प्रवेश की क्रिया पूरी करता है.
शेष अगले दिनों में...
Tuesday, May 20, 2008
मोटे लोगों के लिये सेक्स पोजीशन
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