Tuesday, December 29, 2009

गर्भधारण के लिये कैसे करें सेक्स

वैसे तो दुनिया में शायद गर्भधारण करना बेहद आसान है। लेकिन कुछ जोड़ों के लिए एक बहुत ही कठिन टास्क की तरह होता है। sexजिसे पूरा करना उनके लिए आसान नहीं होता। इसके पीछे उनके स्वयं के पारीवारिक और अन्य कारण हो सकते हैं। साथ ही शारीरिक अक्षमता भी इसके पीछे एक सबसे बड़ा कारण होती है।

कुछ मामलों में प्रकृति आपसे एक छोटा सा प्रयास मांगती है ताकि वह वंश वृद्धि में आपके साथी की मदद कर सके। पुरुष के शुक्राणु का साथी महिला के गर्भ में जाकर गर्भधारण होना इसके पीछे का एक सामान्य नियम है। महिला के अंडाणु से शुक्राणु का मेल होना और निशेचन की क्रिया का होना ही गर्भधारण का मूल कारण है।

जिसके बारे में प्राय: सभी जानते हैं। लेकिन यहां हम बता रहे हैं गर्भधारण के कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जिनके माध्यम से गर्भधारण करना बेहद आसान हो सकता है। गर्भधारण के लिए इन पांच स्थितियों पर विचार कर अपनाया जा सकता है।

मिशनरी या पारंपरिक स्थिति

इस स्थिति में बिस्तर पर पुरुष महिला के ऊपर सीधा लेटा हुआ होता है। इस स्थिति में सेक्स करने पर स्पर्म को सीधे और सरल तरीके से गर्भाशय तक पहुंचने में आसानी होती है। चूंकि लिंग योनी में काफी गहराई तक समाया हुआ होता है। इसलिए यह गर्भधारण करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका कहा जाता है।


हिप्स को ऊपर उठाना
इस स्थिति में महिला के हिप्स को ऊपर उठाना होता है। जिसके लिए सामने लेटी महिला के नीचे तकिया आदि रखा दिया जाता है। ऐसा करने पर महिला का गर्भाशय काफी हद तक स्पर्म की पहुंच में आ जाता है। सीमन आसानी से गर्भ तक पहुंचता है और गर्भधारण करना एक सरल प्रक्रिया हो जाती है।

डॉगी स्टाइल

इसमें पुरुष महिला के पीछे होता है और लिंग से निकलने वाला स्पर्म सीधा गर्भ तक जाता है। वैसे यह क्रिया सामान्यत: कम ही अपनाई जाती है। इस स्थिति में भी गर्भ तक स्पर्म आसानी से पहुंचते हैं।


एक दूसरे के बगल में लेटकर
इस स्थिति में महिला व पुरुष एक दूसरे के बगल में लेटकर इंटरकोर्स करते हैं। ऐसा करते वक्त गर्भ को अच्छा एक्सपोजर मिलता है जिससे स्पर्म आसानी से अंदर पहुंचकर निशेचन की क्रिया को आगे बढ़ाकर गर्भधारण में सहायक होते हैं।

महिला का चरम आनंद

यह कोई आसन या स्थिति नहीं है जिसे अपनाकर गर्भधारण को आसान बनाया जाए, बल्कि यह इंटरकोर्स के दौरान होने वाली क्रिया है। इसमें महिला को चरमोत्कर्ष तक पहुंचना होता है। शोध कहते हैं कि यदि महिला इंटरकोर्स के दौरान चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है और उसी समय पुरुष के स्पर्म बाहर आते हैं तो महिला का यह चरमोत्कर्ष से पुरुष के स्पर्म को गर्भ की ओर धकेलने का काम करता है। ऐसा होने पर गर्भधारण सबसे आसान होता है।

साभारः भास्कर

Tuesday, November 24, 2009

3 मिनट पर्याप्त है सेक्स के लिये

यहां अक्सर यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि सेक्स समय बढ़ाने का उपाय बतायें जिससे पता चलता है कि ज्यादातर लोगों को सेक्स की टाइमिंग के बारे में काफी भ्रम है. जबकि हकीकत कुछ मिनटों की ही होती है.
अमेरिकी और कनाडाई यौन विशेषज्ञों द्वारा सेक्स संबंधी एक नए सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक 'श्रेष्ठतम यौन क्रिया' कुछ ही मिनटों की होती है। सर्वेक्षण में साफतौर पर कहा गया है कि 'लंबी' यौन क्रिया का दावा करने वाले संभवत: झूठ कहते हैं। पेन्न स्टेट विश्वविद्यालय के शोधकर्मियों एरिक कोर्टी एवं जिने गार्डियानी ने सोसायटी फॉर सेक्स थैरेपी एंड रिसर्च के सदस्यों के समूह से बात करने के बाद अपने नतीजे घोषित किए। समूह के सदस्यों में अनेक मनोविश्लेषक, डॉक्टर, समाजसेवी, विवाह एवं परिवार सलाहकार और नर्से शामिल हैं जिन्होंने कई दशकों के अनुभव के आधार पर अपने विचार दिए।
शोधकर्ताओं के अनुसार 'संतोषप्रद' यौन क्रिया का काल तीन से 13 मिनट के बीच का ही होता है। समूह के 68 प्रतिशत सदस्यों ने यौन क्रिया की शुरुआत से अंत तक की भिन्न समयावधियां निर्धारित की।

उन्होंने सात मिनट की अवधि को 'पर्याप्त', 13 मिनट को 'संतोषप्रद', एक से दो मिनट को 'काफी कम', और दस से तीस मिनट को 'उबाऊ' कहा। शोधकर्ताओं के अनुसार आधुनिक समाज में यौन क्रियाओं संबंधी अनेक भ्रामक धारणाओं ने सिर उठा लिया है। अनेक युवक और युवतियां लंबी यौन क्रियाओं की फंतासियां रचने लगे हैं।

उनके अनुसार इस सर्वेक्षण से सेक्स संबंधी अनेक झूठी धारणाओं को समाप्त करने में मदद मिलेगी और इससे यौन संबंधी उदासीनता और असमर्थता पर भी रोक लगेगी।

Friday, October 23, 2009

चुंबन से होती है सेक्स की शुरुआत

सेक्स के जरूरी है कि पार्टनर को सेक्स के लिये तैयार किया जाय. यह प्रक्रिया फोरप्ले कहलाती है. इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है चुंबन. हाल में हुए अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि पूरे आवेग से लिया गया चुंबन एक खास किस्म के कांप्लेक्स केमिकल को दिमाग की तरफ भेजता है, जिससे व्यक्ति खुद को ज्यादा उत्तेजित, खुश अथवा आरामदायक स्थिति में महसूस करता है।
प्यार का इजहार करने के लिए चुंबन से बढ़कर शायद ही कोई दूसरा माध्यम हो। एक प्यार भरा चुंबन प्रेमी या प्रेमिका को दिन भर की तमाम उलझनों से मुक्त करके एक प्यार भरे संसार में ले जा सकता है। चुंबन के महत्व को देखते हुए यहां चुंबन के विभिन्न प्रकारों को बताया जा रहा है-

1.बिगिनर्स किस- इस किस का अर्थ दो होठों के साधारण मिलन से है। यह किस होठों को ब्रुश के समान स्पर्श करके या हल्का दबाकर किया जाता है। इस किस के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत नहीं होती। अपने लवर को चारों तरफ से चूमकर इस किस को अंजाम दिया जाता है।

2.बटरफ्लाई किस- अपनी आंखों की बरौनी से प्रेमी के होठों, आंखों के बाल, गाल और गर्दन के स्पर्श को बटरफ्लाई किस कहते हैं।

3.लार किस- इस प्रकार का किस को पूरी गर्मजोशी के साथ किया जाता है। जब आप अपने प्रेमी को पूरी आत्मीयता से किस करें तो अपने होठों को धीर से हटा लें और लार की कुछ बूंदे प्रेम से उनके मुख में टपका दें।

4.फ्रेंच किस- फ्रेंच किस में अपनी जीभ अपने प्रेमी के मुख की कोमल त्वचा में डालकर उसे चारों ओर घुमाया जाता है। मुख से मुख मिलाकर फ्रेंच किस किया जाता है।

5.लवर्स पास- जब आप अपने प्रेमी को कुछ उत्तेजना भरा संदेश देना चाहें तो यह किस अपनाया जाता है। इसमें चाकलेट, फल या बर्फ का टुकड़ा अपने होठों से दबाकर अपने प्रेमी के होठों का स्पर्श किया जाता है। स्पर्श के बाद अपनी जीभ के सहारे दबाया गया टुकड़ा अपने प्रेमी के मुख में डाल दिया जाता है।

6.लस्ट लैप- यह किस पूरे नियंत्रण के साथ किया जाता है। इस किस में होठों से दबाकर चाटा जाता है। अपने होठों से अपने प्रेमी के होठों और त्वचा को सख्ती से दबाकर इसका आनंद लिया जाता है।

7.मेडिवल नेकलेट- कहा जाता है कि इस प्रकार का किस मध्यकाल के नाइट्स अपनी प्रेमिका या पत्‍नी को करते थे, जब वह लो कट नेकलाइन्स पहनती थीं। इस किस में उनकी गर्दन को चारों तरफ से धीरे-धीरे चूमा जाता था। पुरूष और महिलाएं दोनों इस प्रकार के चुंबन का लुत्‍फ उठाते थे।

8.मेडिटिरनियन फ्लिक- कहा जाता है कि इस चुंबन की उत्पत्ति लैटिन के प्रेमियों ने की थी। इस चुंबन का आनंद लेने के लिए लैटिन प्रेमी मिठाई के दानों को अपने प्रेमी के शरीर पर डालते थे। उसके बाद अपनी जीभ से उनके शरीर पर धीरे से हमला करते थे। अपने प्रेमी के शरीर की मनपसंद जगह में इन मिठाई के दानों को डाला जाता था। स्तन और पेट के आसपास के चुंबन से इसका विशेष रूप से आनंद लिया जाता है।

9.नॉटी डॉग- यह किस शरीर के सर्वाधिक संवेदनशील हिस्सों खासकर गर्दन, छाती, पेट और निचली जांघों में किया जाता है। अधखुला मुंह खोलकर इन हिस्सों का स्पर्श किया जाता है। छाती के निचले हिस्सों विशेषकर स्तन के निप्पलों को चूमने में विशेषरूप से आनंद आता है।

10.स्लाइडिंग किस- इस चुंबन में जीभ आगे पीछे गति करती है। जिस प्रकार क्रीम या सॉस को चाटा जाता है ठीक उसी प्रकार स्लाइडिंग किस किया जाता है। फोरप्ले में यह किस काफी उपयोगी होती है।

Tuesday, October 20, 2009

फोरप्लेः जाने इसके बारे में

हमारे पास अक्सर फोरप्ले को लेकर तरह तरह के सवाल आते हैं. इनमें ज्यादातर यह जानना चाहते हैं कि फोरप्ले होता क्या है, फोरप्ले किसे कहा जाता है... आदि... आदि. यहां हम उनके इन्ही सवालों का जवाब देने का प्रयास कर रहे हैं.
सेक्स के मामले में स्त्री-पुरुष की कामेच्छा लगभग एक समान ही होती है, लेकिन पुरुष की कामेच्छा स्त्री की कामेच्छा की अपेक्षा जल्दी जागृत होती है. इसी असमानता को बराबर करने के लिये संभोग के पूर्व कुछ क्रियाएं की जाती हैं जिन्हे फोरप्ले कहा जाता है. वैज्ञानिक तौर पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि मर्द जब स्त्री के अंग-अंग का भरपूर आनंद लेता है तभी स्त्री को परम आनंद मिलता है. पुरुष , स्त्री को प्यार करता है , सेक्स के लिए – जबकि औरत सेक्स के सहारे प्यार चाहती है. तभी तो जब मर्द उसको उत्तेजक स्पर्श करता हुआ उसके कोमल अंगो से खेलता है तो औरत इनकार नही करती बल्कि उसका प्यार पाने के लिए वो समर्पण की मुद्रा मे आ जाती है- यह उत्तेजक स्पर्श ही फोरप्ले कहलाता है- जो दोनो को संभोग की मंजिल तक ले जाता है.
फोरप्ले और उद्दीपन सफल और आनंदमय प्रेम व्यवहार के लिए आवश्यक है – अगर संभोग मुख्य भोजन है तो फोरप्ले एक स्नॅक्स की तरह है और सभी जानते है की भोजन ( संभोग) मे सबसे अधिक मुह मे पानी लानेवाला यही स्नॅक्स हो सकता है- कभी कभी तो इन्ही भूख जगानेवाली चटपटी चीज़ो से सम्पूर्ण तृप्ति पाई जा सकती है. सभी उत्तेजक स्पर्श से संभोग का मज़ा दुगना हो जाता है. फोरप्ले के दौरान सभी पाँचो इन्द्रियां ( स्पर्श-गंध-दृश्य-ध्वनि-और स्वाद ) सक्रिय रोल अदा करती है –
स्पर्श : स्पर्श का प्यार और सेक्स से गहरा रिश्ता है – थोड़ी तन से छेड़ छाड़ – तन से तन का स्पर्श ही काम की इच्छा को जागृत करता है.
सुखद सुगंध - रति कीड़ा मे , सुगंध भी एक अहम भूमिका निभाती है. प्राचीन काल मे तरह -तरह के इत्र का इस्तेमाल होता था. महकता बदन और बेडरूम में मदहोश करने वाली सुगंध से काम की इच्छा को और बढ़ा देती है.
दृश्य : मर्द की कामुक निगाहें और आंखों से कामुक इशारे – औरत को खुश करते है और औरत भी अपनी सेक्स अपील उभारने के लिए –झीनी नाइटी या उत्तेजक पोशाक का सहारा लेती है और जो जरूरी भी है के मर्द की दृष्टि पड़ते ही, काम की भावना के वशीभूत हो जाए.
ध्वनि : संवाद भी जरूरी है – कुछ मदहोश करने वाली बातें, सेक्सी जोक्स -जिसे हम कामुक भाषा कहते है यह भी बहूत जरूरी है.
अतुलनीय स्वाद : जैसे होठो का रसास्वादन – यह भी संभोग की और ले जाते है जिससे परम सुख मिलता है. वैसे तो मर्द– औरत के अंगो को चूमता है , जीभ से चाटता है

कुल मिलाकर यह सब फोरप्ले ही कहलाते है और काम की इच्छा को जगाते है और सेक्स की क्रिया को सरल व सम्पूर्ण बनाते है - क्योंकि स्त्री पुरुष को एक अद्भुत आंनद मिलता है - फोर प्ले मे जितना समय लगाएँगे –उतनी ही कामोत्तेजना आप में जागेगी – मर्द के हाथ और जीभ फोर प्ले के मुख्य उपकरण का काम करते है इन्ही के सहारे आप स्त्री के तन से उन अंगो को पहचान सकते है , जिनसे वो जल्दी उत्तजित होकर समर्पण कर दे.
फोरप्ले स्त्री के अंगो का स्पर्श करना, उन्हे छूना - सहलाना - चुंबन लेना – दुलारना - पुचकारना – सभी कुछ है- दूसरे शब्दों में -मर्द , स्त्री के कामोत्तेजक अंगो से खेलना और उसे आनंद के चरम सीमा तक पहुचा कर सेक्स के लिये राजी करना है- पुरुष के ऐसे फोरप्ले से औरत कैसे चुप रह सकती है – जब मर्द उनके होटो-गर्दन–स्तन से होते हुए संभोग क्रिया संपन्न करते है.

फोरप्ले के दौरान की जाने वाली गड़बडियां
फोरप्ले, सेक्स का एक अहम हिस्सा है जब युगल अपने आप को उन अंतिम चरम क्षणों के लिए तैयार करते हैं. लेकिन फोरप्ले के दौरान कुछ ऐसी गलतियाँ हो सकती है जिससे आपके सेक्स जीवन में नीरसता व्याप्त हो जाए. कुछ ऐसी ही गलतियाँ निम्नलिखित हैं.
जल्द निपटारा: फोरप्ले सेक्स का एक हिस्सा है ना कि सेक्स के पहले का शुरूआती दौर. कई युगल, विशेषरूप से पुरूष, फोरप्ले के दौरान हडबडी दिखाते हैं. यहाँ यह समझना जरूरी है कि पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को सेक्स के लिए तैयार होने में समय लगता है और अच्छा फोरप्ले उनके लिए बेहद जरूरी होता है. इसलिए फोरप्ले के दौरान हडबडी करने से बचना चाहिए. फोरप्ले यदि थोडा अधिक समय तक चले तो भी कोई हर्ज नहीं है बल्कि यह चरम क्षणों के दौरान आपके रोमांच को बढाता ही है.
काटना: फोरप्ले के दौरान उत्तेजित होकर अथवा मजाक में अपने साथी के गले अथवा कान को काटना एक आम प्रवृति है. लेकिन इस दौरान ध्यान ना रखने से आपके साथी को चोट लग सकती है. कभी भी उत्साह में आकर होश ना खोएँ और ध्यान रखें की आपके काटने से साथी को चोट ना लगे.
नाखुनों का हमला: महिलाओं के हाथों के नाखुन आम तौर पर बढे हुए होते हैं. प्रेम के क्षणों के दौरान महिलाएँ अपने नाखुनों का इस्तेमाल करती हैं. यहाँ भी ध्यान देने योग्य बात है कि उनके नाखुनों से कहीं उनके पुरूष मित्र को चोट ना लग जाए. यह ना केवल प्रेम के उन क्षणों को पलभर में समाप्त कर देता है बल्कि आपके रोमांचक पल दवाई लगाने में लग सकते हैं.
स्नायूओं का खिंचाव: सेक्स एक अच्छी कसरत जरूर है, लेकिन कसरत भी एक हद तक ही उपयोगी होती है. कसरत करने का भी एक प्रकार होता है और उसका ध्यान ना रखने से चोट लग सकती है. सेक्स के दौरान भी ध्यान रखें की उत्साह में आकर आप कोई इस तरह का आसन ना अपना लें जिससे आपके स्नायूओं पर अनावश्यक बोझ पडे और मोच तथा सूजन आ जाए.
लंबा न खींचे: फोरप्ले छोटा ना हो यह जरूरी है, लेकिन इतना लम्बा भी ना हो कि आप चरम आनंद प्राप्त करने के लिए शयनकक्ष में जाएँ और जाते ही थकान के मारे सो जाएँ. यकीन मानिए, कई युगलों को यह परेशानी रहती है कि फोरप्ले के बाद वे दोनों इतना थक जाते हैं, नींद अपने आप आ जाती है. वैसे कोई भी यह नहीं चाहेगा.

Wednesday, September 30, 2009

सेक्स करने का सही समय क्या

अगर आप अपने पार्टनर के साथ सेक्स का भरपूर आनंद उठाना चाहते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपके पास होना बेहद जरूरी है। जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ बेम्बर्गन के शोधकर्ताओं ने सैकड़ो महिलाओं पर किए गए एक रिसर्च में पाया कि किस समय महिलाओं के साथ सेक्स करने में ज्यादा आनंद की अनुभूति होती है।

सेक्सोलोजिस्टों के मुताबिक मासिक पूरा हो जाने के पांच से सात दिन तक महिलाएं सेक्स के मूड में ज्यादा होती हैं क्योंकि मासिक पिरियड पूरा होने के बाद सेक्स के लिए जवाबदार गिने जाने वाले हार्मोस सक्रिय हो जाते हैं। यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने युवतियों के ब्रेइन वेब्ज पर काफी रिसर्च किया, जिसमें पाया गया कि मासिक पिरियड के पांच से सात दिन में सेक्स करना ज्यादा ही आनंद की अनुभूति कराता है साथ ही इस लाभ कम से कम 12 दिनों तक रहता है।

वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के साइक्रियाट्रिक मेडिसिन के प्रोफेसर क्लेटन ने कहा कि मासिक पिरियड के बाद महिलाओं में सेक्स की तीव्र इच्छा जागृत होना स्वाभाविक है, क्योंकि इन दिनों में गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

इस सर्वे में 1000 युवाओं और महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें हर एक महिला ने यह बताया कि मासिक पीरियड के पांच से सात दिनों में वे भरपूर सेक्स का आनंद चाहती हैं। इस समय में किए गए सेक्स में जो आनंद आता है व अन्य दिनों के मुकाबले कहीं अधिक होती है।

इन सबके उपरांत सर्वे में यह भी पाया गया कि महिलाओं के साथ उनके सेक्स पार्टनर का इन दिनों के बीच किया जाने वाला सेक्स वैवाहिक संबंधों को सुखी बनाता है और भविष्य में दोनों के बीच सेक्स को लेकर दूरियां कभी नहीं आती। लेकिन अधिकतर शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं को इस पीरियड में अपने सेक्स पार्टनर को सहकार देना जरूरी है। अगर इन दिनों पार्टनर को सहकार न दे तो महिलाओं में उनकी सेक्स की भूख कभी नहीं मिटाया जा सकता है। परिणाम स्वरूप सेक्स लाइफ में तनाव आ जाता है।

Tuesday, August 18, 2009

पार्टनर सेक्स से जी चुराए तो...

सेक्स के मामले में अगर आप अपनी पार्टनर के बदलते मूड से कंफ्यूज हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जानते हैं, क्या हैं वे -

पुरुषों का मानना है कि महिलाएं बेहद राजदार होती हैं। उनकी सेक्स ड्राइव को लेकर भी वे कुछ ऐसा ही सोचते हैं। कई बार वे उन्हें सिडक्टिव लगती हैं, तो ऐसे मौके भी आते हैं जब वे क्लोज आने में दिलचस्पी नहीं दिखातीं। दरअसल, इसके पीछे कई कारण होते हैं और अपनी परेशानी दूर करने के लिए आपको उन कारणों को दूर करना ही होगा।

मूड न होना
हायपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर के केसेज महिलाओं में बहुत ज्यादा देखने में आते हैं। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में 18 से 59 साल की महिलाओं पर की गई एक स्टडी से साबित हुई। इस डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति को सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं होती। इस डिसऑर्डर की प्राइमरी स्टेज में महिला को सेक्स की इच्छा ही नहीं होती, जबकि सेकंडरी स्टेज में उसकी पहली वाली दिलचस्पी खत्म हो जाती है। कंडिशन के बिगड़ने पर वह सेक्स से दूर भागने लगती है। इस डिसऑर्डर की वजहें कम्यूनिकेशन प्रॉब्लम, लड़ाई, प्यार का न मिलना, अकेलापन वगैरह हो सकती हैं।
क्या करें
उससे प्यार जताएं, लेकिन जबर्दस्ती न करें। उससे बातें करें और अपने साथ सहज होने का मौका दें।

थकान होना
महिला चाहे गृहिणी हो या प्रफेशनल, तमाम परेशानियां उनके लिए एंजॉय करने का स्कोप कम ही छोड़ती हैं। फिर रिसर्च से भी यह बात साबित हो चुकी है कि तनाव में रहने वाली महिलाओं को सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं होती। इसके अलावा, सेक्स को लेकर नर्वस होना, प्रेग्नेंसी का डर, दर्द वगैरह की वजह से भी वे सेक्स से दूर रहती हैं।
क्या करें
उनके साथ प्यार से पेश आएं और उनके लिए कुछ स्पेशल करें। फोर प्ले पर ध्यान दें। सेंसुअल मसाज या हॉट वॉटर बाथ जादू की तरह काम करेंगे।

कमी का अहसास
उसे लाइट में कपड़े उतारने में दिक्कत होती है और सेक्स के तुरंत बाद कपड़े पहनने की जल्दी। ऐसा तभी हो सकता है, जब वह अपनी बॉडी को लेकर सहज न हों। अचानक वजन का बढ़ना, स्ट्रेच मार्क्स, दाग या पार्टनर के कॉमेंट्स उनमें हीन भावना जगा सकते हैं।
क्या करें
उनके साथ जिम में टाइम बिताएं। उन्हें ताई ची क्लास जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित करें। वर्कआउट करने से उनकी बॉडी टोन होगी और सेक्स ड्राइव भी बढ़ेगी। उन्हें किसी हीरोइन या मॉडल की तरह बनने को न कहें। उन्हें बताएं कि साइज जीरो न होने के बावजूद वह आपको खूबसूरत लगती हैं।

डाइट का रोल
सेक्स ड्राइव बढ़ाने में खाने का भी अहम रोल है। 25 साल की एक लड़की ने शादी से पहले वजन घटाने के लिए खूब डाइटिंग की। शादी तक वह स्लिम तो हो गई, लेकिन शादी के बाद सेक्स में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। कुछ फूड आइटम्स स्टैमिना बढ़ाकर, बॉडी टोन करके और त्वचा को ग्लो देकर सेक्स ड्राइव बढ़ाते हैं। जबकि जंक फूड, कैफीन, हैवी खाना वगैरह इस चीज को कम करते हैं।
क्या करें
ध्यान रखें कि आपकी पार्टनर चॉकलेट, ओटमील, वॉलनट जैसी चीजें खूब खाएं। दरअसल, ये मूड लिफ्टर्स होती हैं। साथ ही, आलू के चिप्स की जगह उन्हें सलाद दें और कोला की जगह पानी।

दवाइयों पर दें ध्यान
घबराहट, तनाव, डिप्रेशन को दूर करने के लिए ली जाने वाली दवाइयां भी महिलाओं की सेक्स में दिलचस्पी कम करती हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स महिलाओं की ऑव्यूलेशन साइकल में बदलाव लाती है और इस वजह से भी फिजिकल इंटीमेसी में उनकी इच्छा पर असर डालती है।
क्या करें
अगर किसी खास दवाई के लेने से आपकी पार्टनर की सेक्स ड्राइव प्रभावित हो रही है, तो इस मामले में डॉक्टर की सलाह लें।

कुछ दोष कल्चर का भी
हमारी सोसाइटी में सेक्स को लेकर लड़कियों को कभी खुलने नहीं दिया जाता। ऐसे में उनके मन में सेक्स को लेकर तमाम सवाल व दुविधाएं रहती हैं, जिससे कई बार शादी के लंबे अर्से बाद तक वे अपने हसबैंड के साथ सहज नहीं हो पातीं।
क्या करें
पार्टनर को काउंसलिंग दिलवाएं। मैरिज काउंसलिंग, कपल स्टिमुलेशन, सेल्फ हेल्प गाइड्स वगैरह आपकी मदद कर सकते हैं। फोर प्ले पर ध्यान दें।

(यह मैटर हमें भेजा है इटारसी से सौरभ ने )

Friday, July 17, 2009

योगा फॉर सेक्स

सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के लिये नए-नए एक्सपेरिमेंट करना जरूरी है. यह भी देखा गया है कि योगा के द्वारा भी सेक्स क्षमता बढ़ाई जा सकती है. इससे शारीरिक लाभ तो होगा ही सेक्स क्षमता में भी इजाफा होगा. यहां हम आपको दे रहे हैं सेक्सुअल पावर बढ़ाने के लिये कुछ खास एक्सरसाईज-
1. कैमल पोज-
घुटने मोड़ कर बैठे. पैरों में 6 से 7 इंच की दूरी हो. हल्के से उठें. सांस लें. हाथों को पीछे की ओर ले जाकर एड़ियों पर रखे. सीना सामने की ओर निकला हो. हिप्स व कमर को भी सामने की ओर स्ट्रेच करें. नजर ऊपर की ओर हो. 10 से 15 सेकंड बाद सांस छोड़ दें.
लाभः
इससे जांघों, हिप्स, कंधों व सीने में खिंचाव(स्ट्रेच) पैदा होता है. हृदय चक्र को भी उत्तेजना मिलती है. जिससे मन भावनात्मक रूप से सेक्स के लिये तैयार हो जाता है.
2. फ्राग पोज
इसमें घुटने के बल जमीन पर बैठे. दोनों घुटनों के बीच थोड़ी दूरी रखते हुए कमर को झुकाएं. दोनों हाथ शरीर के पास हों. सीना बाहर निकालें. कंधे पीछे की ओर हों. पेट को अंदर की ओर खींचे. सीधे देखें व सांस लें. यही क्रिया दोहराएं.
लाभः
इससे अंदरूनी जांघों का लचीलापन बढ़ता है एवं वे मजबूत होती है. साथ ही हिप्स में उठाव आने के साथ कसावट आती है.

पद्‍मासन : इस आसन से कूल्हों के जाइंट, माँसमेशियाँ, पेट, मूत्राशय और घुटनों में खिंचाव होता है जिससे इनमें मजबूती आती है और यह सेहतमंद बने रहते हैं। इस मजबूती के कारण उत्तेजना का संचार होता है। उत्तेजना के संचार से आनंद की दीर्घता बढ़ती है।

भुजंगासन : भुजंगासन आपकी छाती को चौड़ा और मजबूत बनाता है। मेरुदंड और पीठ दर्द संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है। यह स्वप्नदोष को दूर करने में भी लाभदायक है। इस आसन के लगातार अभ्यास से वीर्य की दुर्बलता समाप्त होती है।

सर्वांगासन : यह आपके कंधे और गर्दन के हिस्से को मजबूत बनाता है। यह नपुंसकता, निराशा, यौन शक्ति और यौन अंगों के विभिन्न अन्य दोष की कमी को भी दूर करता है।

हलासन : यौन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए इस आसन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पुरुषों और महिलाओं की यौन ग्रंथियों को मजबूत और सक्रिय बनाता है।

धनुरासन : यह कामेच्छा जाग्रत करने और संभोग क्रिया की अवधि बढ़ाने में सहायक है। पुरुषों के ‍वीर्य के पतलेपन को दूर करता है। लिंग और योनि को शक्ति प्रदान करता है।

पश्चिमोत्तनासन : सेक्स से जुड़ी समस्त समस्या को दूर करने में सहायक है। जैसे कि स्वप्नदोष, नपुंसकता और महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े दोषों को दूर करता है।

भद्रासन : भद्रासन के नियमित अभ्यास से रति सुख में धैर्य और एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है। यह आसन पुरुषों और महिलाओं के स्नायु तंत्र और रक्तवह-तन्त्र को मजबूत करता है।

मुद्रासन : मुद्रासन तनाव को दूर करता है। महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े हए विकारों को दूर करने के अलावा यह आसन रक्तस्रावरोधक भी है। मूत्राशय से जुड़ी विसंगतियों को भी दूर करता है।

मयुरासन : पुरुषों में वीर्य और शुक्राणुओं में वृद्धि होती है। महिलाओं के मासिक धर्म के विकारों को सही करता है। लगातार एक माह तक यह आसन करने के बाद आप पूर्ण संभोग सुख की प्राप्ति कर सकते हो।

कटी चक्रासन : यह कमर, पेट, कूल्हे, मेरुदंड तथा जंघाओं को सुधारता है। इससे गर्दन और कमर में लाभ मिलता है। यह आसन गर्दन को सुडौल बनाकर कमर की चर्बी घटाता है। शारीरिक थकावट तथा मानसिक तनाव दूर करता है।

शेष शीघ्र ही...