Tuesday, December 29, 2009

गर्भधारण के लिये कैसे करें सेक्स

वैसे तो दुनिया में शायद गर्भधारण करना बेहद आसान है। लेकिन कुछ जोड़ों के लिए एक बहुत ही कठिन टास्क की तरह होता है। sexजिसे पूरा करना उनके लिए आसान नहीं होता। इसके पीछे उनके स्वयं के पारीवारिक और अन्य कारण हो सकते हैं। साथ ही शारीरिक अक्षमता भी इसके पीछे एक सबसे बड़ा कारण होती है।

कुछ मामलों में प्रकृति आपसे एक छोटा सा प्रयास मांगती है ताकि वह वंश वृद्धि में आपके साथी की मदद कर सके। पुरुष के शुक्राणु का साथी महिला के गर्भ में जाकर गर्भधारण होना इसके पीछे का एक सामान्य नियम है। महिला के अंडाणु से शुक्राणु का मेल होना और निशेचन की क्रिया का होना ही गर्भधारण का मूल कारण है।

जिसके बारे में प्राय: सभी जानते हैं। लेकिन यहां हम बता रहे हैं गर्भधारण के कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जिनके माध्यम से गर्भधारण करना बेहद आसान हो सकता है। गर्भधारण के लिए इन पांच स्थितियों पर विचार कर अपनाया जा सकता है।

मिशनरी या पारंपरिक स्थिति

इस स्थिति में बिस्तर पर पुरुष महिला के ऊपर सीधा लेटा हुआ होता है। इस स्थिति में सेक्स करने पर स्पर्म को सीधे और सरल तरीके से गर्भाशय तक पहुंचने में आसानी होती है। चूंकि लिंग योनी में काफी गहराई तक समाया हुआ होता है। इसलिए यह गर्भधारण करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका कहा जाता है।


हिप्स को ऊपर उठाना
इस स्थिति में महिला के हिप्स को ऊपर उठाना होता है। जिसके लिए सामने लेटी महिला के नीचे तकिया आदि रखा दिया जाता है। ऐसा करने पर महिला का गर्भाशय काफी हद तक स्पर्म की पहुंच में आ जाता है। सीमन आसानी से गर्भ तक पहुंचता है और गर्भधारण करना एक सरल प्रक्रिया हो जाती है।

डॉगी स्टाइल

इसमें पुरुष महिला के पीछे होता है और लिंग से निकलने वाला स्पर्म सीधा गर्भ तक जाता है। वैसे यह क्रिया सामान्यत: कम ही अपनाई जाती है। इस स्थिति में भी गर्भ तक स्पर्म आसानी से पहुंचते हैं।


एक दूसरे के बगल में लेटकर
इस स्थिति में महिला व पुरुष एक दूसरे के बगल में लेटकर इंटरकोर्स करते हैं। ऐसा करते वक्त गर्भ को अच्छा एक्सपोजर मिलता है जिससे स्पर्म आसानी से अंदर पहुंचकर निशेचन की क्रिया को आगे बढ़ाकर गर्भधारण में सहायक होते हैं।

महिला का चरम आनंद

यह कोई आसन या स्थिति नहीं है जिसे अपनाकर गर्भधारण को आसान बनाया जाए, बल्कि यह इंटरकोर्स के दौरान होने वाली क्रिया है। इसमें महिला को चरमोत्कर्ष तक पहुंचना होता है। शोध कहते हैं कि यदि महिला इंटरकोर्स के दौरान चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है और उसी समय पुरुष के स्पर्म बाहर आते हैं तो महिला का यह चरमोत्कर्ष से पुरुष के स्पर्म को गर्भ की ओर धकेलने का काम करता है। ऐसा होने पर गर्भधारण सबसे आसान होता है।

साभारः भास्कर

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