Tuesday, May 15, 2007

जब पुरुष उपर हो

हम तब तक क्लासिकल म्यूजिक को नहीं समझ सकते जब तक कि उसे सुनकर उसकी गूढ़ता और भ्रामक सुन्दरता को समझने का प्रयास नहीं करते . कुछ ऐसा ही राग है सेक्स पोजीशन के मामले में जब पुरुष उपर हो. यहां अब वह समय आ गया है जब आदर्श (classic) पोजीशन को सभ्य व व्यवस्थित बनाएं तथा परीक्षण करके देखे कि किन कारणों से वे आदर्श पोजीशन हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब पुरुष उपर होता है तो इसका यह कतई आशय नहीं लगाना चाहिये कि महिला को इसमें नकारात्मक शक्तिशाली संबंधों का अनुभव होगा. न ही इन पोजीशनों को पुराने जमाने की बोरिंग पोजीशन कहा जा सकता है जैसा कि कुछ लोग आज कर पुरुष के उपर रहने वाली पोजीशन के बारे में सोचते हैं. इनमें महज कुछ परिवर्तन करके इन्हें शानदार अनुभव वाली पोजीशन भी बनाया जा सकता है.
इन सभी पोजीशनों में धक्के का पूरा दारोमदार पुरुष पर होता है. किसी भी प्रारंभिक पोजीशन के पहले आपसी बातचीत महत्वपूर्ण होती है. यदि कम्युनिकेशन गैप रहेगा तो शायद कोई भी पोजीशन दोनों के लिये उतनी आनंददायी नहीं होगी जितने कि वे कल्पना करते हैं. मसलन हर महिला अपने पार्टनर का ऐसा आकार या ढांचा चाहती है जो उसे कामोन्माद की चरम स्थितितक पहुंचा सके और इसके लिये जरूरी है एक बेहतर पोजीशन की जो उससे चर्चा करके उसके सोचे गए आकार से मेल खाती हो और यह प्रयास पार्टनर के लिये प्रचण्ड कामोद्दीपक व तीव्र उत्तेजना प्रदान करने वाला होगा. यदि वे एक बार ऐसा करने में सफल हो गए तो वे अपने इष्टतम आनंददायी बिंदु पर निशाना साधते हुए सवारी का मजा ले सकेंगें. यहां यह बताना भी जरूरी है कि ज्यादातर पुरुष अपने को उपर रखने वाली पोजीशन इस लिये चुनते हैं ताकि पूर्ण उन्नत अवस्था को पा सकें. इस तरह पुरुषों के उपर रहने पर शक्तिशाली पोजीशन का होना इसका एक वास्तविक फायदा है. लेकिन इस पोजीशन में पुरुष शुरुआत से ही तेज गति और निकटता के साथ चलेंगे तो वे निश्चित तौर पर चरमोत्कर्ष के समय कमजोर और उत्तेजना खोने वाला भी बना सकती है क्योंकि वे सेक्स की कदमताल के कन्ट्रोल में नहीं रह पाते हैं.
यह पोजीशन नये प्रवेश करने वालों के लिये काफी बेहतर होती है, लेकिन जब इसे सृजनात्मकता से लिया जाता है तो यह सभी वर्ग के लिए मजेदार होती है. इसलिये जरूरी है कि महिलाएं भी अपने पार्टनर को बताएं कि वह नियंत्रण में रहे तथा प्रयोग करके यह भी देखे कि किसमें उन दोनों को ज्यादा आनंद आता है.

1. आराम कुर्सी पोजीशन
अपने नाम के अनुरूप ही यह काफी आरामदायक पोजीशन है इस पोजीशन पुरुष को काफी शक्तिशाली बना देती है जिससे महिला तेज आनंद का अनुभव करती है. इस पोजीशन को पाने के लिए महिला अपने पीठ के बल लेट जाती है. अपने कूल्हों को चूल की तरह इस्तेमाल करते हुए अपने पांव फैलाते हुए उपर उठा लेती है तथा घुटनों से मोड़ कर अपने पांवों को आरामदायक स्थिति में ले आती है. इसके पश्चात पुरुष घुटनों के बैठ कर आगे झुकते हुए प्रवेश करता है तथा अपने हाथों को सहारे के रुप में प्रयोग करता है साथ ही महिला के पांव भी उसे सहारा देते है. यह पोजीशन महिला को बाहर नहीं छोड़ पाती है. साथ ही जब पुरुष महिला के पांवों के बीच होता है तो इस दौरान उसके पास महिला के जी-स्पॉट को निशाने में लेने के पूरे मौके होते है. इसलिये यह पुरुष सहित महिला के लिए भी शानदार उत्तेजना की पोजीशन है. यह बेसिक पोजीशन भी मानी जाती है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻ ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻ ☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन
हाथः इसमें महिला अपने पार्टनर के हाथों का सहारा अपने हाथों से लेकर पोजीशन को आरामदायक बना सकती है.
तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकती है.

परिवर्तन
- हत्था कुर्सी पोजीशन

- गहरा भेदन
इस पोजीशन को प्राप्त करने के लिए महिला अपनी पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगों को उठाकर पुरुष के कंधों पर रख देती है. इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल जिसमें टांगें उसकी बाहर की ओर फैली होती है प्रवेश की तैयारी करता है. इस पोजीशन में यदि महिला अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लेती है तो पोजीशन काफी आरामदायक हो जाती है.
-आनंद का आईना
यह पोजीशन भी गहरा भेदन पोजीशन की तरह ही है. इसमें अन्तर सिर्फ इतना है कि इस पोजीशन में महिला अपनी दोनों टांगें पुरुष के एक कंधे पर ही टिकाती है. यह पोजीशन उन दंपतियों के लिये बेहतर है जिनमें पुरुष का गुप्तांग काफी बड़ा होता है.


2. ड्रिल पोजीशन
इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगें उपर उठा कर फैला लेती है. इसके बाद पुरुष जब प्रवेश करता है तो पुऱुष की कमर के पास से अपने पैरों की कैंची से बांध लेती है. यह पोजीशन काफी गहरे प्रवेश के लिए जानी जाती है. इसमें महिला के उठे पांव पुरुष को गहराई तक प्रवेश की अनुमति देते हैं.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻ ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻ ☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻ ☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन
तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकती है इससे सेक्स क्रिया में अतिरिक्त गति मिल सकती है.

परिवर्तन

- महराब पोजीशन
यह पोजीशन सेक्स का जमकर लुत्फ उठाने वाले लोगों की पसंदीदा पोजीशन है. थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन आनंददायी पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन में महिला अपनी टांगे सीधे फैलाकर पीठ के बल लेट जाती है फिर इस पोजीशन को पाने के लिये अपनी टांगों को पीछे खींच कर कमर से अपने को उपर उठाती है. इस तरह वह एक पुल नुमा आकृति बना लेती है. इसके पश्चात पुरुष उसकी योनि के सामने घुटनों के बल बैठकर प्रवेश क्रिया को अंजाम देता है. इस पोजीशन को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि यह देखने में काफी कठिन सी लगती है लेकिन मूलतः यह पोजीशन काफी सरल है और इस पोजीशन में प्रवेश और गहरे प्रवेश के लिए काफी बेहतर एंगल होता है.

- गहरा भेदन

- मिशनरी पोजीशन
यह सेक्स पोजीशन सबसे मूलभूत और प्राथमिक सेक्स पोजीशन है. यह सर्वाधिक प्रचलित सेक्स पोजीशन है और हिन्दुस्तान में लगभग 80 फीसदी लोग रति क्रीड़ा की शुरुआत इसी पोजीशन से करते हैं. इस पोजीशन के लिए महिला सामान्य तौर पर पीठ के बल लेट जाती है और पुरुष उसके उपर आकर प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करता है.




3. पद जहाज पोजीशन
यह सेक्स पोजीशन ज्यादा पुरानी नहीं है. इसको प्रचलन में आए महज दो दशक ही हुए है. जैसे की नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें पांवों के उपर सवारी करके चरमोत्कर्ष को पाया जाता है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला करवट लेकर लेट जाती है. इसके पश्चात वह अपनी उपर वाला पैर आसमान की ओर (उपर) उठा ले. इस प्रक्रिया के बाद उसका पार्टनर उसके निचले पांव की जांघों के उपर घुटनों के बल बैठ जाए फिर प्रवेश की प्रक्रिया चालू करें. प्रवेश के दौरान महिला चाहे तो अपने पांव पुरुष के कंधे पर रख सकती है या पुरुष उसके पांवों को अपने हाथ से सहारा देकर पांव सीधा रख सकता है.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन
तकियाः
महिला चाहे तो अपनी साइड के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है साथ ही पार्टनर की जांघों के दबाव व भार को भी कम कर सकती है.
हाथः पुरुष अपने हाथों से महिला की टांगों को सहारा देकर गति सीमा के साथ खिलवाड़ करते हुए आनंद बढ़ा सकता है वहीं हाथों के द्वारा बाह्य गुप्तांग (भग क्षेत्र) और स्तनों को भी सहलाकर आनंदानुभूति बढ़ा सकता है.

परिवर्तन

- मिशनरी

- पीछे से प्रवेश
यह मिशनरी और श्वान पोजीशन का मिला जुला रूप है. यह जी-स्पॉट सेक्स के लिये बेहतरीन पोजीशन मानी जाती है. इसके लिये महिला पेट के बल अर्थात उल्टी लेट जाए. और अपनी टांगे खोल ले. इसके पश्चात पुरुष उसके उपर लेटते हुए प्रवेश करे.

- निद्रा देवी
यह पोजीशन काफी आरामदायक , काफी सहज और उकसाने वाली है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है और अपनी उपरी टांग उपर उठा लेती है. फिर पुरुष उसकी निचली जांघ के उपर योनि के सामने अपने लिंग को करते हुए सामानान्तर लेट जाता है. इस दौरान महिला और पुरुष आपस में लगभग ९० डिग्री का कोण बना रहे होते है. अब पुरुष प्रवेश के बाद महिला अपनी टांगे नीचे ले आती है जिससे पुरुष उसकी दोनो टांगों के बीच गति करता है.


4. मिशनरी पोजीशनः
मिशनरी पोजीशन सर्वाधिक प्रचलित और पारंपरिक सेक्स पोजीशन है. एक सर्वेक्षण के मुताबिक 91 फीसदी लोग बहुधा इस सेक्स पोजीशन का प्रयोग सामान्यतः करते हैं . इस पोजीशन में स्त्री पुरुष के बीच सर्वाधिक समीपता होती है. मिशनरी पोजीशन दो विषमलिंगियों के बीच होने वाले सेक्स में सबसे ज्यादा बार और ज्यादा सहज व ज्यादा पसंद की जाने वाली पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल टांगे फैला कर (या बंद करके) लेट जाती है फिर पुरुष उसके उपर आकर करीब जाते हुए प्रवेश की क्रिया दोहराता है. इस दौरान वह अपने हाथों के सहारे अपने शरीर के वजन को सम्हालता है. इस पोजीशन में पुरुष को पूरी स्वतंत्रता होती है कि वह किस गति और तरीके से रति क्रिया का संचालन करे. यदि वह सेक्स क्रिया के दौरान महिला के दौरान काफी करीब (नीचे झुकना) आता है तो इस दौरान वह महिला के शरीर के उपरी हिस्से पर अपने शरीर का कुछ वजन हल्का करते हुए आराम की अवस्था में आ सकता है. इस पोजीशन में महिला अपने शरीर का बीच का हिस्से को अपने पैर की सहायता से धक्के के लिये प्रयुक्त कर सकती है (जब वह कामोन्माद की अवस्था में हो या तीव्र धक्कों का आनंद लेना चाहे) या फिर अपने पैरों को पुरुष की कमर में लपेट कर पुरुष की गति को कम कर सकती है.
इस रतिक्रीड़ा के दौरान महिला पुरुष के चेहरे एक दूसरे के सामने व काफी निकट होने से चुंबन क्रिया भी बेहतर तरीके से हो सकती है. लेकिन यदि महिला गर्भवती हो तो उसे इस पोजीशन से बचना चाहिए साथ ही पीठ में दर्द रहने वाले भी इससे बचे. पीठ दर्द वाली महिला के लिये तौलियो का गोला बनाकर पीठ के नीचे और तकिया घुटनों के नीचे रखकर सेक्स करना चाहिए. यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित पोजीशन है. ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसदी लोग यही पोजीशन अपनाते हैं.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻ ☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻ ☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन
तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है
हाथः इस पोजीशन में महिला अपने हाथों से पुरुष की पीठ को सहलाते हुए उसे और उन्मत्त कर सकती है या फिर अपने हाथों से पुरुष की पसंदीदा जगहों को और उत्तेजित कर सकती है. पुरुष को कूल्हों पर थपथपा कर गति और तेज कर सकती है.

परिवर्तन

- कंधों में मिशनरीः इसके लिये मिशनरी पोजीशन में महिला अपने पांव उठा कर पुरुष की कमर में लपेट ले फिर धीरे-धीरे पांवों को पुरुष के कंधों की ओर ले जाए. अंत में महिला अपने पांव पुरुष के कंधों में फंसा ले. इस दौरान पांवों को कंधो तक ले जाने में पुरुष सहायता कर सकता है. इसमें पुरुष को गहरे सेक्स के लिये बेहतर एंगल मिलता है.

- घुटनों में मिशनरीः उपरोक्त पोजीशन के बाद महिला अपने पांव फैलाते हुए कंधों से उतार लेती है. और घुटनों को मोड़ते हुए पंजों के सहारे पैर करके एड़ियां उठा लेती है . इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ जाता है और घुटनों के नीचे से हाथ ले जाकर महिला की जांघों को सहारा देते हुए प्रवेश की क्रिया प्रारंभ करता है.

- महराब पोजीशन

- गहरा भेदन

- उल्टी मिशनरी पोजीशन

- मिशनरी 45º : इसके लिये मिशनरी पोजीशन में प्रवेश के पश्चात किसी भी दिशा में पुरुष 45ºघूम कर धक्के की क्रिया कर सकता है या फिऱ बगैर प्रवेश के मिशनरी पोजीशन में आकर 45º घूम कर फिर प्रवेश क्रिया करे लेकिन इस दौरान गहरे प्रवेश में दिक्कत हो सकती है.

- अगल बगल पोजीशनः यह ठीक मिशनरी पोजीशन की तरह है . इसमें दोनों पार्टनर लेटे रहते है और दोनों के चेहरे एक दूसरे की ओर होते बस इसमें दोनों एक दूसरे के उपर नीचे न होकर करवट लिए हुए एक दूसरे के अगल-बगल होते है.



5. पीछे से प्रवेश :
यह पोजीशन गुदा मैथुन या उसकी तरह नहीं है. इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे, इसमें गहरा प्रवेश मिलता है . दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर ) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन
तकियाः महिला चाहे तो अपनी योनि के सामने तकिया लगा कर सेक्स के लिये बेहतर एंगल बना सकती है.

परिवर्तन

- अंगरक्षक पोजीशन

- श्वान पोजीशन

- चमचा पोजीशनः यह अगल-बगल पोजीशन से मिलती है. इसमें अंतर इतना है कि दोनों पार्टनर के चेहरे आमने सामने नहीं होते है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है फिर पुरुष महिला के पीछे की ओर से करवट के बल ही लेट कर प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करता हैं.

- ठेला गाड़ीः यह पोजीशन काफी मजबूत व दमदार लोगों के लिये है. इसमें पेट के बल लेटी महिला के पीछे खड़े होकर पुरुष महिला के पांव पकड़ कर उठा लेता है फिर महिला अपने हाथों के सहारे अपने शरीर को उठा लेती है. इसके बाद पुरुष अपने हाथों से पैरों को फैला कर महिला की जांघों के बीच घुस जाता है और धीरे-धीरे हाथों के जांघों के निकट लाकर जांघों के पास हाथ से महिला के शरीर को सहारा देते हुए प्रवेश क्रिया शुरू करता है. यह कामोन्माद का बेहतरीन जंगलीपन है.

Monday, May 07, 2007

सेक्स पोजीशन

सेक्स पोजीशन ही सेक्स क्रिया का महत्वर्ण पड़ाव होता है. तमाम प्रयासों का निष्कर्ष इसी पर आकर शुरू होता है. सेक्स पोजीशन की महत्ता प्राचीन काल से ही रही है. इसपर वात्सायन ने भी काफी कुछ दिया है, तो चीन में भी काफी कुछ नया मिला हैपाश्चात्य देशों ने भी इस पर काफी कुछ नया किया है. हिन्दुस्तान में मुगलों ने रति क्रीड़ा के आसनों को एक नया आयाम और रूप दिया. वहीं आज इसपर काफी कुछ शोध होते होतेकई आनंददायी रूपों में निखर कर सामने आया है. इन प्राचीनतम , आधुनिकतम पाश्चात्य का निचोड़ यह है कि सेक्स पोजीशन को पांच मुख्य भागों में बांटा जा सकता है. इनमें है

  • जब महिला उपर हो
  • जब पुरुष उपर हो
  • खड़े होकर
  • अन्य पोजीशन
  • मुख मैथुन पोजीशन


जब महिला उपर हो
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर के उपर होती है. विन्यास के अनुसार इसमें रिसीवर () अपने पार्टनर के उपर रह कर आनंद की नाव खेता है. इस पोजीशन में प्रवेश गहराई तक होता है तथा नियंत्रण काफी कुछ हद तक महिला के पास रहता है. इस पोजीशन में महिला रति क्रीड़ा की गति और योनि में लिंग के प्रवेश की गहराई सहित उसके धक्के को नियंत्रित कर सकती है. इसलिये जब महिला तेज सेक्स से डरती हो तथा सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष महिला को पावर का प्रयोग करते देखना चाहता है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर है.

1. कलाबाज पोजीशन
यह पोजीशन सेक्स के चरम तक जाकर आनंद लेने वालों के लिये है. इस पोजीशन को सहजता से पाने का तरीका यह है कि इसके लिये पुरुष को अपनी पीठ के बल लेट जाने दे. फिर उसके लिंग के उपर योनि को ले जाकर महिला घुटनों तक अपने पैर बिस्तर पर सीधे कर ले फिर घुटनों के उपर जाघों को सीधा करते हुए योनि को धीरे धीरे लिंग में प्रवेश कराएं. इसके पश्चात महिला पुरुष के उपर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाए. यह पोजीशन कलाबाज पोजीशन कहलाएगी. इस पोजीशन में दाता (पुरुष ) पर स्ट्रोक करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन नियंत्रण महिला का ही होता है.
मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☺

उन्नयन
तकियाः
इस पोजीशन में ज्यादा आनंद के लिये उसके पीछे तकिया रखा जा सकता है.
हाथों का प्रयोगः इसके तहत महिला को ज्यादा आनंद देने के लिये पुरुष उसके सीने के साथ खिलवाड़ कर सकता है

परिवर्तन
एशियन घुड़सवारः इसमें महिला ही मोर्चा संभालती है. यह फुर्तीले और जोशीले लोगों का पसंदीदा आसन है. इसमें महिला पुरुष के उपर उकड़ू होकर अपनी योनि उसके लिंग में प्रवेश कराती है. तथा पुरुष उसके चूतड़ो को अपने हाथों से सहारा देता है.

घुड़सवारः यह तरीका एशियन घुड़सवार पोजीशन से मिलता जुलता है. इसमें प्रवेश व घर्षण की तीव्रता काफी तेज रहती है. इसमें महिला अपनी टांगे बिस्तर पर फैला कर घुटनो के बल पुरुष के लिंग के उपर बैठती है. उपर नीचे होने में सहायता के लिये पुरुष अपने हाथों से उसके कमर के पास से सहारा देता है.

उल्टा पीछे से प्रवेशः यह तरीका कलाबाज से मिलता हूआ है. इसमें कलाबाज पोजीशन में थोड़ा बदलाव करते हुए महिला को अपने पांव खोल कर सीधे कर लेने हैं तो पुरुष को घुटनों से अपने पांव उपर उठा लेना है. यह तरीका पुरुष को महिला के अंगों को सहलाने का पूरा मौका देता है. इस तरीके में महिला के पास पूरी कमान नहीं होती है क्योंकि वह अपना भार स्थिर रखने की वजह से नियंत्रण से पकड़ कमजोर हो जाती है. इसमें घर्षण और हरकत की पूरी जिम्मेदारी पुरुष पर होती है.

चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुख मैथुन की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेटा जाता है और महिला घुटनों के बल अपना भग क्षेत्र पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है.
रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल आकर प्रवेश कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.


2. अमेजॉन पोजीशन
यह पोजीशन कमजोर लोगों के लिये नहीं है, इस पोजीशन में कठोर महिला ही उपर होती है. यह प्रवेश का आसान तरीका भी नहीं है. यह पोजीशन महिला को नियंत्रण का इन्द्रियबोध और पावर प्रदान करती है, जो कि ज्यादातर पोजीशनों में नहीं पाई जाती है. इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर को विहंगम रूप से देख सकती है तो इस पोजीशन में खुद उसके स्तन व आसपास के क्षेत्र एक नए कोण से एक्सपोज होते है जो उत्तेजना की वृद्धि में सहायक होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट कर अपने पांव उपर उठा कर घुटनों से मोड़ लेता है. इसके पश्चात महिला पुरुष के कूल्हों के सहारे अपने कूल्हे को टिकाते हुए अपनी योनि को उसके लिंग में प्रवेश कराती है. इस दौरान पुरुष अपने पैरों से उसे कांख के पास से सहारा देता है तो महिला स्वयं अपने हाथों से पांवों को पकड़ कर बैलेंस बनाते हुए स्वयं का सहारा लेती है.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻ ☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻ ☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻ ☺

उन्नयन
तकियाः इस पोजीशन को ज्यादा मजेदार व आनंददायी बनाने के लिये पुरुष अपने नीचे तकिया लगा सकता है.

परिवर्तन

-एशियन घुड़सवार
-घुड़सवार
-रोडियो


3. हत्थाकुर्सी पोजीशन
यह काफी सृजनात्मक पोजीशन है. यह पोजीशन काफी आनंद भरी होती है जब यह अपनी लय से नीचे आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने पांव सीधे फैला कर हाथ के सहारे बैठ जाता है. इसके पश्चात महिला उसके लिंग के उपर अपनी योनि ले जाकर अपने पांव उसके कंधे पर रखती है. इसके बाद महिला अपने कंधे की सीध में अपने हाथ ले जाकर हाथों के सहारे अपने कूल्हे को गति प्रदान कर रति क्रीड़ा करती है. हालांकि कुछ समय के लिये इस पोजीशन में महिला को कुछ अतिरिक्त जोर झेलना पड़ता है. लेकिन अभ्यास के बाद यह पोजीशन काफी आनंददायी हो जाती है.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻
------------------------------------------
· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☺
------------------------------------------
· अंतरंगता (Intimacy) ☻ ☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद और आराम के लिये पुरुष चाहे तो अपने पीछे तकिया रख सकता है.
हाथः इसमें पुरुष तकिया या फिर किसी अन्य सहारे के टिके होने के बाद पार्टनर को ज्यादा आनंद देने के लिये उसके पीछ हाथ फेर सकता है, कूल्हों के उपर थपथपाते हुए चपत लगा सकता हैया फिर गति के दौरान हाथों से कूल्हों को सहारा दे सकता है. इससे महिला कम ताकत लगा कर भी और तेजी से धक्के लगा सकती है. .

परिवर्तन

-घुड़सवार

-झूला
यह हत्थाकुर्सी से मिलती जुलती पोजीशन है इसमें पुरुष अपने पैरों को घुटनों के पास से थोड़ा उपर उठा लेता है और उसके हाथ महिला को कूल्हों के पास से सहारा देने का काम करते हैं तथा महिला अपने दोनों पैर उसकी कमर से सटाते हुए सीधे फैला लेती है तथा योनि को लिंग में प्रवेश कराने के बाद अपने हाथ उसके कंधे पर रख सहारा लेती है. इसमें महिला पुरुष काफी निकट रहते हैं इससे यह काफी निकटता प्रदान करती है.

बैठा सांड़
इसमें पुरुष बिस्तर में अपने पांव सीधे करके बाहर की ओर फैलादेता है. महिला पुरुष के सामने पीठ के बल लेट जाती है और अपने पैर पुरुष के कंधों में रख देती है. इस अवस्था में उसकी योनि ठीक पुरुष के लिंग के सामने आ जाती है. रति क्रीड़ा के दौरान पुरुष महिला की जांघो के पास पकड़ कर धक्कों की गति को नियंत्रित (कम-ज्यादा) कर सकता है.

4. घुड़सवार पोजीशन
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इसमें महिला ऐसा व्यवहार करती है मानों वह घुड़सवारी कर रही है. जिस तरह घुड़सवारी के दौरान घुड़सवार घोड़े के झटके से उपर नीचे उछलता है ठीक कुछ ऐसी ही स्थिति रतिक्रीड़ा के दौरान महिला बनाती है. यह किसी महिला की सबसे पसंदीदा पोजीशनों में से एक है. साथ ही यह उन महिलाओं की भी पसंद है जिसमें शुरुआत करने का अधिकार वे अपना मानती है और पुरुष उनको ऐसा करते देखना पसंद करते हैं. इसमें पुरुष अपनी पीठ केबल लेट जाता है. इस दौरान चाहे तो वह तकिये के सहारे कंधा /सिर का हिस्सा उठा सकता है. अब महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करके बैठ जाए . इस दौरान पुरुष का शरीर महिला की दोनों टांगों के बीच होगा तथा महिला की योनि पुरुष के लिंग के उपर या सामने होगी. इसके पश्चात घुड़सवार पोजीशन दो तरीकों में बंट जाती है.
पहले तरीके में महिला अपने चेहरे को पुरुष के चेहरे के काफी करीब ले जाती है. इससे उसे चूमने का अवसर मिलता है. इस दौरान वह अपने हाथ पुरुष के कंधे के बगल से टिका कर सहारे के रुप में प्रयोग करती हैतथा इसमें उसके पांव बिस्तर के समानान्तर होते है.
दूसरे तरीके में महिला अपने हाथ पीछे की ओर करके अपने को पीछे की ओर झुका लेती है. इस तरीके में पुरुष को योनि में लिंग प्रवेश का पूरा दृश्य दिखाई देता है जो उसे तीव्र उत्तेजना में सहायक होता है.

मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻ ☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
--------------------------------------------
· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद के लिये पुरुष चाहे तो कमर के नीचे तकिया रख सकता है.

परिवर्तन

-एशियन घुड़सवार
-चेहरे पर सवारी
-रोडियो



5. एशियन घुड़सवार पोजीशन
यह घुड़सवार पोजीशन से लगभग मिलती जुलती पोजीशन है . महज थोड़े से अंतर से यह घुड़सवार पोजीशन से थोड़ी अलग हो जाती है. इसमें महिला को पुरुष द्वारा कुछ ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है. घुड़सवार पोजीशन में बिस्तर के समानान्तर फैले पांवों पर घुटनों के बल रतिक्रीड़ा थोड़ी स्थिर सी लगती है लेकिन जवां और फुर्तीले लोगों के लिये इसमें थोड़ा परिवर्तन कर एशियन घुड़सवार पोजीशन बनी है. इसमें महिला अपने पांव बिस्तर के लंबवत कर लेती है और घुटनो से मोड़ कर सीधे योनि को लिंग के उपर ले आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला उसके कूल्हों से अपने पांव सटा कर खड़ी हो जाए फिर घुटनों से पांव मोड़ते हुए बैठने की कोशिश करें अंततः एशियन घुड़सवार पोजीशन बन जाएगी. हालांकि इस पोजीशन में महिला को रति क्रीड़ा में मेहनत ज्यादा लगती है लेकिन पुरुष महिला को कूल्हों पर हाथ से सहारा देकर इस पोजीशन को शानदार बना सकता है.

मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☻☻ ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻ ☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻ ☺
--------------------------------------------------
· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻ ☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद के लिये पुरुष चाहे तो कमर के नीचे तकिया रख सकता है.
हाथः इसमें पुरुष रति क्रीड़ा को ज्यादा आनंददायी और आरामदायक बनाने के लिये अपने हाथों से महिला के कूल्हों को सहारा दे सकता है.

परिवर्तन


-घुड़सवार
-चेहरे पर सवारी
-रोडियो


6. मिश्रित पोजीशन
यह हत्था कुर्सी पोजीशन के बेहतरीन फेरबदल का नतीजा है. यह तरीका प्रवेश के बाद शानदार घर्षण का अवसर उपलब्ध कराता है, जो आनंद में गुणात्मक वृद्धि कराता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने हाथों के सहारे पैर फैला कर बैठ जाए. फिर महिला भी उसी तरह पैर फैलाते हुए हाथ के सहारे थोड़ा पीछे झुकते हुए अपनी योनि को पुरुष के लिंग के ऊपर ले जाए. इस दौरान उसके पांव घुटनों के पास से थोड़ा मुड़े होते है. जो उसे उपर-नीचे होने के लिये सहायता प्रदान करते हैं. हालांकि इस पोजीशन में महिला के हाथों पर थोड़ा जोड़ पड़ने पर थकान का अनुभव करते है रतिक्रीड़ा की गति को प्रभावित करते हैं. लेकिन यह सेक्स पोजीशन तब विस्फोटक और परमानंददायी होती है जब महिला कठोर व मजबूत मसल्स पावर वाली होती है.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻ ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻ ☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻


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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻


· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻

परिवर्तन

-हत्था कुर्सी
-एशियन घुड़सवार
-घुड़सवार
-रोडियो
-बैठा सांड़



7. शाही पोजीशन
इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता है.

मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन



हाथः चूंकि इस पोजीशन में दोनों के हाथ लगभग खाली होते है तो वे एक दूसरे के उत्तेजक अंगों को सहलाकर उत्तेजना का संचार बढ़ा सकते हैं.

परिवर्तन

तितलीःसमें महिला पलंग /सोफा/टेबल/काउंटर या इस जैसी किसी भी चीज के किनारे पीठ के बल लेट कर अपनी टांगे उपर की उठाकर पुरुष के कंधे पर टिका दे और पुरुष स्थिति अनुसार घुटनों के बल या खड़े होकर रतिक्रीड़ा को अंजाम दे.

-घुड़सवार

हर्षितः
यह भी तितली पोजीशन से मिलती जुलती पोजीशन है. इसमें महिला किसी पलंग या इस जैसी किसी अन्य के किनारे पर अपनी टांगे फैलाते हुए बैठ जाए और पुरुष तितली पोजीशन की ही तरह व्यवहार करते हए रतिक्रीड़ा प्रारंभ कर सकता है.


8. उल्टीशाही पोजीशन
यह पोजीशन शाही पोजीशन की ही तरह है बस इसमें महिला अपनी चेहरा पुरुष के चेहरे के दूसरी ओर कर लेती है. एक तरह से यह पीछे से प्रवेश की भी पोजीशन है. इसमें पुरुष की स्थिति ठीक शाही पोजीशन की ही तरह रहती है लेकिन महिला पुरुष की ओर पीठ करके ठीक उसके लिंग के सामने अपनी योनि को लाकर खड़ी होती है. फिर धीरे से योनि को लिंग में प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला काफी आरामदायक स्थिति में रहती है. इसमें उसे सहारा उसके पैरों से मिलता है जिससे उसे धक्के लगाने में भी आसानी होती है. यह पोजीशन आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तनशील है इसलिये इसे कुछ अन्य आइडिया के साथ दूसरे फर्नीचर पर भी अपनाई जा सकती है.

मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻ ☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻ ☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻ ☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन
हाथः इस पोजीशन मेंपुरुष अपने हाथों से महिला के उत्तेजक अंगों को सहला सकता है.

परिवर्तन



अंगरक्षकः इस पोजीशन में महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है.

श्वान: इस पोजीशन में महिला को कुछ -कुछ श्वान की सी स्थिति में आना पड़ता है. इसके लिये महिला पेट के बल सीधी लेट जाए फिर घुटनों को मोड़ते हुए कमर को उठाना शुरु करे फिर चाहे तो सिर की ओर कोहनी से शरीर को सहारा दे या फिर स्तनों के पास से या पूरे हाथ से . तत्पश्चात पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ कर या फिर सुविधानुसार खड़े होकर अपना लिंग महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है.

- रोडियो


9. उल्टी मिशनरी पोजीशन
यह पोजीशन वास्तव में सबसे आरामदायक और सरल पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके उपर लेट कर प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला का उपरी हिस्सा मसलन गाल, गला, स्तन चुंबन के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करते है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻ ☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻ ☺

परिवर्तन

- एशियन काउगर्ल
- काउगर्ल
- रायिडंग द फेस
- रोडियो



10. उल्टा पीछे से प्रवेश
कलाबाज पोजीशन में परिवर्तन लाने से बनी यह पीछे से प्रवेश की उल्टी पोजीशन निकटता को लेकर सर्वाधिक पसंद की जाने वाली पोजीशन है. इस पोजीशन में जी स्पॉट उत्तेजना के लिये बेहतरीन एंगल मिलता है जिससे की एक शानदार प्रवेश का अवसर मिलता है साथ ही इस दौरान महिला के स्तनों से खेलने का भी पर्याप्त अवसर पुरुष के पास होता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला अपनी योनि उसके लिंग में प्रवेश कराते हुए उसके चेहरे की ओर पीठ करके बैठ जाती है . फिर सामने की ओर टांगे फैलाते हुए पीठ के बल पुरुष के उपर लेट जाती है . इस स्थिति में महिला इस स्थिति में नहीं होती कि वह धक्कों का दारोमदार अपने उपर ले इस लिये धक्के लगाने का काम इस पोजीशन में पुरुष के जिम्मे होता है.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☻ ☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☺

उन्नयन

हाथः इसमें महिला के शरीर पर अभिगमन के काफी अवसर होते हैं पुरुष चाहे तो हाथो के प्रयोग से शरीर पर उत्तेजना फैला सकता है.
तकियाः पुरुष चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकता है.

परिवर्तन


-एशियन घुड़सवार
-घुड़सवार
-चेहरे पर सवारी
-रोडियो


11. रोडियो पोजीशन
यदि आप और आपका पार्टनर घुड़सवार पोजीशन में फिसलने की समस्या से परेशान है तो यह पोजीशन काफी लाभदायक रहेगी. इस पोजीशन में अधिकतम भगशिश्न उत्तेजना मिलती है इसलिये चरमोत्कर्ष का आनंद काफी बढ़ जाता है. यह पूरी तरह घुड़सवार पोजीशन है बस इसमें महिला का चेहरा पुरुष के विपरीत होता है . इसमें पुरुष महिला के उत्तेजक अंगों से नहीं खेल सकता है. लेकिन महिला के कूल्हों को उपर नीचे होते देखने का तथा रतिक्रीड़ा में जुटे अंगों का विस्तृत दृश्य देखने को मिलता है.



मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻ ☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻ ☺

परिवर्तन

-एशियन घुड़सवार
-घुड़सवार
-चेहरे पर सवारी


12. झूला पोजीशन
यह काफी दृढ़ संसर्ग वाली पोजीशन है . यह पोजीशन महिला पुरुष को संसर्ग के दौरान काफी निकट ले आती है. इस पोजीशन में पुरुष अपनी टांगे फैला कर बैठ जाता है. फिर महिला उसके कंधो से हाथों के सहारे उसके लिंग के सामने अपनी योनि लाकर प्रवेश कराती है और अपनी टांगे पीछे की और सीधे ले जाती है. इसमें पुरुष के कंधे के सहारे महिला ही धक्के की जिम्मेदारी निभाती है. हालांकि इस पोजीशन में धक्के की गति काफी धीमी होती है. लेकिन बगैर प्रयास के इसे कम न आंकें.
मूल्यांकन


· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻

परिवर्तन
- हत्था कुर्सी
- घुड़सवार
- बैठा सांड़

Saturday, May 05, 2007

उसके कामोत्तेजक अंग


पुरुष के सर से पांव तक के सभी अंग उसे उत्तेजना का सामान बना सकते हैं. बस यह जानने की जरूरत है कि उसके उन अंगों को छूने का सही तरीका क्या है.

खोपड़ी
पुरुष की खोपड़ी भी एक कामोत्तेजक क्षेत्र हो सकती है. इस क्षेत्र में हल्के हाथों से मसाज करने पर उसे एक सनसनाहट का एहसास होता है. इसके पश्चात फव्वारों के बीच उसे बालों को धो दे.

कान
फुसफुसाते हुए अपनी कल्पना को साकार होते हुए देखे जब आप उसके कानों को हौले से कुतरते हुए एक आग पैदा कर रहीं हों. ध्यान रखें की हल्के से दांत गड़ाएं साथ ही कान के चारों ओर ओंठों से दबाते हुए चूसे तथा बीच में फूंक मारकर एक अलग सा अहसास पैदा करें. लेकिन इस दौरान जीभ से धक्का तब तक न दें जब तक कि आप यह निश्चित न कर लें कि यह उसे पसंद है .

ओंठ
हर पुरुष चूमना पसंद करता है. अपनी जीभ उसके निचले ओंठ पर फिराएं. इसके साथ ही उसपर चूमना शुऱू करते हुए उसके ओंठों को अपने ओंठों मे भरने का प्रयास करें इस दौरान उससे चिपकते हुए उसके नितम्बों को ग्रिप में लें, इसके साथ ही अपने नाभि क्षेत्र को उससे रगड़ते भी जाएं जो उसे एक सुखद अहसास दिलाएगा.

गला
प्यार भरी चुभन (दांत से काटना) को लेकर अपना सीमा क्षेत्र न बनाएं और वहीं के होकर न रह जाएं. अपने ओंठ और जीभ उसकी गर्दन पर फिराते हुए उसे बहकाएं.

कंधे
उसे कंधों पर दबाव देते हुए सहलाएं इससे उससे आराम की अनुभूति होगी. फिर अपने बालों से उसके कंधों पर ब्रश करें जो उसमें सनसनी भरेगा फिर उसके कंधों पर गहरे चुंबन दें.

उंगलियां
उंगलियां भी उत्तेजना का एक महत्वपूर्ण अंग बन सकती हैं. उसकी उंगलियों को ठीक उसी तरह चूसे जैसे मुख मैथुन कर रहीं हों. इस दौरान उसकी आंखों में देखते हुए उसे यह अहसास कराएं कि आप ऐसी महिला है जो उस चीज को चूसने पर वास्तव में आनंद का अनुभव करती है.

सीना
यह महिलाओं के निप्पल की तरह संवेदनशील नहीं है लेकिन उससे कम भी नहीं है. कई पुरुष अपने निप्पल को चुटकी काटना और खींचना पसंद करते है. इसलिये यहां दबाव देकर देखें उसे क्या पसंद है साथ ही उसके सीने में रुकने को नजरअंदाज न करें. यहां निश्चित समय देना जरूरी है. इस दौरान उसके सीने में अंगुलियां फिरा कर उसमें उत्तेजना भरने का प्रयास करें यदि सीने में बाल हैं तो उनमें उंगलियों की सहायता कंघी करने का उपक्रम करें इससे उसमें उत्तेजना का संचार होगा.

पीठ
कुछ पुरुष यहां मसाज करना पसंद नहीं करते हैं लेकिन कई लोग इसे उत्तेजक मानते हैं. यहां अपने हाथ फिराएं, थपथपाएं तथा गूंथने का उपक्रम करें . इस दौरान चिकने द्रव्य या टेलकम पावडर का भी प्रयोग करके इस खेल को और रोमांचक व सनसनी युक्त बना सकते हैं. इस दौरान उसके कूल्हों पर उंगलियों से गड्ढे बनाना काफी उत्तेजक होता है.

कूल्हे

कूल्हों पर केन्द्रित होकर समय का दबाव यहां खर्च कर सकते हैं. ज्यादातर पुरुष यहां हाथों से टटोलना पसंद करते हैं तथा यहां मसाज के साथ ग्रिप में लेकर दबाव देना भी उनमें उत्तेजना भरता है. इस समय उनके कूल्हों को उंगलियों में दबाते हुए खींचना अच्छा लगता है तो कुछ को हाथ फिराते हुए नाखूनों का हल्का दबाव भी उत्तेजित करता है.

लिंग
लिंग पुरुष का सबसे संवेदनशील अंग होता है. इसका अग्र सिरा तो सबसे ज्यादा उत्तेजक होता है. अपनी हथेलियों को इसपर फिराते हुए उसे उत्तेजित कर सकती हैं या फिर आपको और उसे पसंद हो तो चूस कर भी उत्तेजित किया जा सकता है. कुल मिला कर लिंग ही उत्तेजना का पूरा सामान है इसे आप अपनी और उसकी पसंद के हिसाब से जैसा चाहे वैसा करते हुए सनसनाहट का ज्वार पैदा कर सकती हैं. लिंग का हर हिस्सा उत्तेजना की नसों से भरा होता है जो छूने मात्र से कामोद्दीप हो जाता है.
इसके नीचे झूलती दो थैलियां भी संवेदना का पर्याय बन सकती है. अण्डकोश को हल्के से हथेलियों में लेकर सहलाया जा सकता है साथ ही जीभ से चाटकर यहां से सनसनाहट भरी जा सकती है.

उत्सर्गांतराल (Perineum)
यह क्षेत्र लिंग और गुदा के बीच का क्षेत्र होता है. कई पुरुष इस हिस्से पर दबाव देना पसंद करते हैं जब उनके साथ मुख मैथुन किया जा रहा हो या फिर उन्हें उन्हें उत्तेजित किया जा रहा हो.

गुदा और प्रोस्टेट
हालांकि यह कम प्रचलित हिस्सा है लेकिन भारत के बाहर और पश्चिमी सभ्यता वाले देशों में यह काफी पसंद किया जाने लगा है. कुछ पुरुष गुदा की सहलाहट से उत्तेजना महसूस करते हैं. वहीं पुरुष जी - स्पॉट के नाम से जाना जाने वाला हिस्सा प्रोस्टेट भी उत्तेजना का सबब बन सकता है. इसके लिये स्निग्ध द्रव्य से डूबी उंगली उसकी गुदा में हौले-हौले प्रवेश कराएं . प्रोस्टेट अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है. जो गुदा के कुछ इंच अंदर सामने की दीवार की ओर पाई जाती है. उंगली अंदर डालने के बाद लिंग की ओर दबाव डालने पर यह हिस्सा सहजता से मिल जाता है. इसपर डाला गया दबाव पुरुष को उत्तेजित करता है.

जांघे
पुरुष की जांघें भी काफी संवेदनशील होती है. इसके लिये उसके पैर से जांघों की ओर आएं . यहां उसकी जांघों को सहलाएं साथ ही हल्के से थपथपाएं हुए दांतों का हल्का सा दबाव भी डाल सकती हैं. लेकिन जिन्हे गुदगुदी लगती हो उनके लिये इस उत्तेजना से बचना चाहिए.

घुटने
घुटनों के पिछले हिस्से पर चूमना और थपथपाना भी उत्तेजना पैदा करता है.

पांव व अंगूठा
पांव पर रगड़ देना उसे यह बताता है कि आप उसे कितना प्यार करते है. सेक्स विज्ञानियों का मत है कि पांव के तलवे व अंगूठे से शरीर के कई हिस्सों का संबंध होता है. इसलिए यहां सहलाने का असर शरीर में कहीं और भी उत्तेजना भर सकता है. कुछ लोगों का मानना अंगूठा उत्तेजना का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.

स्तन , नितम्ब या पांव - क्या है उसकी पसंद


पुरुष से पूछे कि उसे स्तन, नितंब और पांवों में से किसे ज्यादा पसंद करता है, और एक अवसर आएगा जब वह कहेगा तीनों. पर इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी पसंद महिलाओं के अंग विशेष ही होते हैं. इसलिये उससे जाने कि उसकी नजर में आपका विशेष अंग कौन सा है और उन्हे किस तरह से देखना पसंद करता है. क्योंकि ये उत्तेजना के महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकते हैं.


स्तन
इनकी सुंदरता मुख्यतः इनका आकार है, तथा इस आकार के नाम पर आपके पास कुछ ऐसा है जो किसी भी पुरुष को अलमस्त जंगली बना दे. उन्नत वक्षों वाली महिला के जरूरी नहीं है कि इनके दुबले लंबे और चिकने पांव भी होंलेकिन इनका भोगी आकार का डील-डौलभी सेक्सी लगता है. इसलिये जरूरी है कि स्तनों के आकार पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. इसलिये अच्छी और बेहतर सपोर्ट वाली ब्रा पर दिल खोल कर खर्च करें क्योंकि इनमें ढंके स्तन पुरुषों के लिये खुला आमंत्रण होते हैं. कभी-कभी कम भी ज्यादा होता है जबवह वक्षों के बीच के हिस्से से दिखाई देता है. इसलिये अपने सीने के उभारों को हाईलाइट करने के लिए काफी खुले गले के टॉप के साथ बेहतर जैकेट या कुछ और पहने.

नितम्ब
यह भी सेक्सी आमंत्रण का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यदि आप अपनी दुकान की कद्र बढ़ाना चाहती है तो इसपर भी ध्यान देना जरूरी है. इसकेद्वारा आमंत्रण के लिये पतला और शरीर से चिपकने वाला कोमल ट्राउजर पहने. ज्यादातर पुरुष बड़े नितम्ब काफी पसंद करते हैं. लेकिन बड़े नितम्बों से आपका लुक छोटा दिखने लगता है. इसके लिये नीचे की ओर चौडे होते जाने वाले ट्राउजर को पहनना बंद करें. ऐसा मटेरियल प्रयोग में लाएं जो पैरों में लूज फिटिंग का हो तथानितंबों के पास चिपका हुआ हो तथा कमर के काफी नीचे से हो तो यह किसी भी पुरुष को प्रत्यक्ष तौर पर आमंत्रित करता है. यदि आप पैंटी पहन कर पुरुष को आमंत्रित करना चाहती है तो ऐसी पैंटी पहने जो काफी पारदर्शी हो या फिर जिसके पहनने से ज्यादातर हिप का हिस्सा दिखाई दे. यदि पैंट द्वारा आकर्षण दिखाना है तो काफी पतली व इलास्टिक युक्त पैंट पहने जिससे आपकी पैंटी की लाइन उसमें उभर कर दिखे. यह पुरुषों को उत्तेजित करने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है.

पांव
कई बार किसी महिला के पांव पुरुष को उत्तेजित करने के बेहतर माध्यम बनते हैं. एक दूसरे के ऊपर चढ़े हुए या खुले हुए वह भी शार्ट स्कर्ट से झलकते हुए पांव आश्चर्यजनक तरीके से रिझाते व ललचाते हैं. इनमें स्टाकिंग के फीतेदार जोड़े डले हो तो यह उन पावों में एक और सेक्सी लुक डाल देते हैं. वहीं यदि कुछ पहनकर पावों को आमंत्रण लायक तैयार करना है तो स्किन टाइट पतले कपड़े पहने साथ ही हाई हील की सैंडिल डाल लें .