Thursday, June 07, 2007

खड़े होकर सेक्स

यह पोजीशन स्वाभाविक तौर पर अति आनंद के लिये या फिर अकल्पनीय सेक्सुअल समागम के लिए प्रयोग की जाती है. सामान्यतः यह भारत में कम ही प्रयोग की जाती है लेकिन अब यह प्रचलन में आ रही है. वहीं कुछ लोगो का मानना है कि जहां बिस्तर की उपलब्धता न हो और प्रतीक्षा करने का कोई कारण उपलब्ध न हो तो यह पोजीशन सबसे सही रहती है. यह काफी बलिष्ठ , खिंची हुई और अति कठोर पोजीशन मानी जाती है, जिसके लिये काफी ताकत, जोर और समन्वय की आवश्यकता होती है. वहीं कुछ लोगों का मत है कि इस पोजीशन में सेक्स करने पर रक्त प्रवाह तेज होता है साथ इस पोजीशन के द्वारा पुरुषों में स्वयं में शक्तिशाली होने का अहसास होता है तो महिलाएं अपने को पूरी तरह निगला (गटका) हुआ महसूस करती हैं. और सबसे मुख्य बात रही वह यह है कि बेहतर सेक्सुअल आनंद के लिये पोजीशन बदल कर सेक्स करना काफी आनंददायी होता है.

1. अंगरक्षक पोजीशनः
यह पोजीशन खड़े होकर सामने या पीछे से प्रवेश की सेक्स पोजीशन है. ऱत्यात्मक कामुकता के आवेग में यह खड़े वर्ग की सभी सेक्स पोजीशनों में अनूठी होती है. इस पोजीशन के लिये महिला सीधे खड़ी होकर अपनी टांगे फैला देती है फिर पुरुष पीछे की ओर से या फिर सामने की ओर से प्रवेश क्रिया प्रारंभ करता है. पीछे से प्रवेश के लिये महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है.
यह पोजीशन दोनों पार्टनरों को एक दूसरे के शरीर को बेहतर तरीके से अभिगम करने का अवसर प्रदान करती है. इस पोजीशन की सिर्फ एक कमी है वह है दोनों के गुप्तांगों को सहजता से पंक्तिबद्ध करना... लोग चाहे तो इसकी मूल पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन कर सकते हैं.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन
कदमः महिला चाहे तो अपने पार्टनर के खिंचाव को कम करने के लिये सीढ़ी या फिर स्टूल पर चढ़ सकती है.

परिवर्तन
- श्वान पोजीशन

- मेंढक पोजीशनः इस पोजीशन को पाने के लिये महिला झुक कर मेढक की तरह पोजीशन बना लेती है(उकड़ू बैठ जाती है). फिर उसके पीछे पुरुष घुटनों के बल खड़ा होकर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करता है. इस दौरान महिला जहां हाथों से अपने शरीर को सहारा देती है वहीं पुरुष महिला के कूल्हों को पकड़ कर गति नियंत्रित करता है. वहीं दूसरे तरीके में वह अपनी जांघें घुटनों से मोड़ कर टांगों में जोड़ कर सिर को भी नीचे ले आती है. इस अवस्था में उसकी योनि खुलकर सामने आ जाती है(देखें चित्र की दूसरी तस्वीर)

- पीछे से प्रवेश पोजीशन
- ठेला गाड़ी पोजीशन


2.नृत्यांगना पोजीशनः
यह मिशनरी पोजीशन से मिलता जुलता रूप है जिसमें दोनों पार्टनर खड़े होकर सेक्स करते हैं. इस पोजीशन में जबरदस्त मजा है. ऐसे लोग जो खड़े होकर बेहतरीन संपर्क के साथ सेक्स चाहते है उनके लिये यह बेहतरीन पोजीशन है. इस पोजीशन को पाने के लिये दोनों पार्टनर सामान्य तरीके से खड़े हो जाते है. इसके पश्चात महिला अपनी एक टांग उपर उठाती है जिसे पुरुष अपने हाथों से सहारा देता है. इस दौरान महिला का हाथ पुरुष के सीने से लगा हुआ कंधे व गर्दन पर लिपटता है. यदि महिला काफी लचकदार है तो वह अपनी टांगे पुरुष के कंधे पर भी रख सकती है. इसके अलावा चाहे तो युगल अपने तरीके से इस पोजीशन में परिवर्तन कर सकते है. मसलन महिला अपनी टांगे पुरुष के पीछे रखी किसी टेबल पर या प्लेटफार्म पर भी रख सकती है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻

उन्नयन
हाथः
पुरुष चाहे तो अपने खाली हाथों के सहारे महिला के कूल्हे , पीठ सहित उन सभी अंगों को सहला सकता है जहां तक उसके हाथ जा सके . यह उत्तेजना तेज करने का बेहतर तरीका है.
कदमः महिला चाहे तो अपने पार्टनर के खिंचाव को कम करने के लिये सीढ़ी या फिर स्टूल पर चढ़ सकती है.

परिवर्तन
- तितली पोजीशन
- हर्षित पोजीशन
- मिशनरी पोजीशन



3. खड़ी हस्तंगत पोजीशनः
यह फरेबी पोजीशन नहीं है. यह दमखम वालों के लिये उपयुक्त पोजीशन है. कमजोर लोगों को विशेषकर इस पोजीशन से बचना चाहिए. इसलिये ऐसे पुरुष जो प्रौढ़ हों या उनका शारीरिक शौष्ठव कमजोर हो उन्हे इस पोजीशन से किनारा कर लेना चाहिये. इस पोजीशन को पाने के लिये दो प्रचलित तरीके हैं. पहला नृत्यांगना पोजीशन पर आने के बाद महिला को उठा लिया जाता है या फिर हर्षित पोजीशन के बाद इस पोजीशन को प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा भी आप अपने तरीके से इस पोजीशन को प्राप्त कर सकते हैं. इस पोजीशन में पुरुष कमर की उंचाई से महिला को जांघों या कूल्हों के सहारे उठाए रहता है. इस दौरान महिला अपनी टांगे पुरुष की कमर में लपेटे रहती है तथा बांहों को उसके कंधों पर सहारे के लिये घेर लेती है. इसके बाद महिला पुरुष के विपरीत दिशा में स्वयं को उपर नीचे करते हुए धक्के देती है इस दौरान पुरुष अपने हाथों से उसे सहारा देता है. पीठ दर्द व कमर दर्द की परेशानी वाले इस पोजीशन को न करें. यदि करना ही हो तो चिकित्सक से सलाह ले लें.

मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☺

उन्नयन
दीवारः
महिला चाहे तो दीवारा का सहारा लेकर पुरुष के धक्के को आनंददायी बना सकती

परिवर्तन

- तितली
- नृत्यांगना
- हर्षित
- मिशनरी


4. ठेला गाड़ी पोजीशनः
यह दिलचस्प और मनभावन सेक्स पोजीशन है लेकिन अधिकतर युगल इस पोजीशन की आजमाइश से दूर ही रहते है. चित्र को देखकर इसके चित्ताकर्षक तरीके को देख सकते हैं साथ ही इसकी कठिनता का भी अंदाजा लगा सकते हैं. इस पोजीशन में महिला को अपने शरीर के उपर के पूरे हिस्से का वजन अपने हाथों पर लेना पड़ता है तथा इस दौरान पुरुष उसके निचले हिस्से को कमर या जांघों के पास से सहारा देते हुए प्रवेश की क्रिया करता है. प्रायोगिक तौर पर यह पोजीशन काफी असुखद है तथा महिला के लिये कष्टकारी भी है.

मूल्यांकन
· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☺
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻ ☻☺
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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

परिवर्तनः

- तितली
- पीछे से प्रवेश
- खड़ी हस्तंगत
- उल्टी ठेलागाड़ीः यह पोजीशन थोड़ा कठिन तथा कसरती लोगों के लिए है. साधारणतया यह पोजीशन आमजन नहीं करते हैं. इस पोजीशन के लिये महिला सिर के बल खड़ी हो जाती है. (इसके लिये चाहे तो महिला पहले दीवार का सहारा ले सकती है ) फिर पुरुष उसके कू्ल्हों को सहारा देते हुए अपनी कमर की ओर खींच लेता है तत्पश्चात वह प्रवेश की क्रिया शुरू करता है.




5 comments:

Anonymous said...

उत्तम लेखनी के उदाहरण हैं, आपके लेख।

Anonymous said...

good collection thanks

Suresh jaipal said...

bot hi badhiya samgri hai...

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Anonymous said...

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