इसमें न तो लज्जा महसूस करें और न ही डरें. हस्तमैथुन या यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित करना लड़कों तथा लड़कियों द्वारा की जाने वाली सामान्य क्रिया होती है. विज्ञान द्वारा यह सिद्ध किया जा चुका है कि इससे कोई हानि नहीं होती है. यहां महिलाओं द्वारा यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित करने के तरीके बताए जा रहे हैं जो उन्हें बेहद संवेदनशील अनुभव देने के साथ प्रबल उत्तेजना प्रदान करेंगे , चाहे वह अकेले हो या फिर अपने पार्टनर के साथ.
महिलाएं यदि यौन अंगों को कभी स्वयं उत्तेजित नहीं की हैं तो इस बात की भी संभावना रहती है कि सेक्स क्रिया के दौरान उन्हें पर्याप्त उत्तेजना से वंचित रहना पड़े. औसत तौर पर पुरुष 12-13 वर्ष की उम्र के दौरान हस्त मैथुन शुरू कर देते हैं. इसके विपरीत महिलाएं तरुणाई (13 से 19 वर्ष ) के अंतिम दौर में हस्त मैथुन शुरू करती हैं, लेकिन यह मामला इतना ढंका और छिपा होता है कि किसी से भी चर्चा में भी सामने नहीं आने दिया जाता है. पूर्ण तरुण होने पर हस्तमैथुन का मामला खुले रहस्य की ओर झुकाव लेने लगता है. ज्यादातर लोग इस मामले पर पर्दा ही पड़े रहना देना चाहते हैं. लेकिन अब कुछ ऐसे युवा तैयार हो रहे हैं जो इन वर्जनाओं को तोड़ कर हस्तमैथुन के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं और खुलेतौर पर हिस्सा ले रहे हैं. इसलिये आप यदि अपने लिये इस धीमें और आनंददायी सेक्स को लेकर पक्के (sure) नहीं है तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि यह कैसे होता है.
शुरुआती दौर वालों के लिए
यदि आप हस्तमैथुन के लिये नई हैं तो अपना समय और स्थान सावधानी पूर्वक चयन करें और एक दृश्य निर्मित करें. इसके लिये बेहतर आइडिया है कि यह तब किया जाय जब आपके घर के सभी लोग बाहर हों . इससे आपमें एक आत्मबोध तो होगा ही साथ ही आपको किसी तरह का डर भी नहीं होगा. इसकी शुरुआत के लिये अपना फोन बंद कर दें, साथ ही यह सुनिश्चित कर लें की आपको किसी तरह की जल्दबाजी नहीं हो. यदि आप दबाव में हैं तो इस दौरान नहाना लाभदायक होगा. धीमा और शांत संगीत बजाएं और अपनी उधेड़बुन से दूर हों. अब आप सेक्सी सोचने और अनुभव करने में सक्षम हैं वह भी बिना रुकावट या बिना दोषी होने की अनुभूति के साथ और यह अनुभूति प्रतिदिन की हस्तमैथुन बिना सोच से बेहतर होगी.
ज्यादातर महिलाएं इस वक्त हाथ में लिये जा सकने वाले आइने से अपने गुप्तांगों और जननागों को देखना पसंद करती हैं. यह महत्वपूर्ण भी है कि आप अपने शरीर के बारे में अच्छा और बेहतर ज्ञान रखें, अन्यथा सुना सुनाया फूहड़पन आपको दिमागी अंधेरे की ओर ले जाएगा.
इसलिए अब आइना देखना शुरू कीजिए . अब जब संतुष्ट हो जाएं और उत्तेजना का एहसास होने लगे तो शीशे को एक किनारे रख दो और अपने शरीर को छूना शुरू करें. स्तनों, पेट और जांघों को थपथपाते हुए सहलाएं और हर उस जगह अपना हाथ फेरे जहां आपको आनंद की अनुभूति मिलती है. आनंद की प्राप्ति में बाधक बन रही हर सोच व डर को बाहर निकाल दें. आप चाहें तो सहलाने के दौरान मसाज आयल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही कोई अच्छे स्निग्ध द्रव का प्रयोग करें जब आप अपने भगशिश्न को उत्तेजित कर रहीं हों.
अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करें. यह हस्तमैथुन के तरीकों की वह चाभी है जिसकी ओर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि हमारे सेक्सुअल आनंद का ज्यादातर जिम्मेदार हमारा दिमाग ही होता है. किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचे जिसके साथ सेक्स करने की इच्छा रखती हों या अपने पार्टनर को कल्पनाओं में लाएं. अब उस तरीके के बारे में सोचे कि किस तरह से उसके साथ सेक्स करने की इच्छा है साथ ही उस जगह की कल्पना करें जहां सेक्स करना आपको सबसे आनंददायी लगता है. इस तरह आप अन्य कामुक दृश्यों की कल्पना कर उत्तेजना को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. जैसे-जैसे आपकी कल्पनाशीलता बढ़ती जाएगी आप तीव्र उत्तेजना का अनुभव करने लगेंगी.
अब जब सनसनी सी महसूस होने लगे तो बड़े ही सौम्य तरीके से जननेन्द्रियों को छुएं. बाह्य भगोष्ठ को थपथपाते हुए सहलाएं, दबाएं और रगड़े वह भी तब तक की जब तक की आप को यह न पता चल जाए कि किस तरीके से ज्यादा आनंद की प्राप्ति होती है. अब अपनी उंगलियों को थूक से गीला करें या फिर कोई स्निग्ध द्रव (lubricant) लगाएं. अब सहलाने की क्रिया भगशिश्न पर फोकस करें.
अपनी उंगलियां भगशिश्न पर फिराएं, सहलाने के दौरान दबाव और दिशा बदलने का प्रयास करें. कभी किनारे-किनारे तो कभी वृत्ताकार घुमाएं और देखें कि किसमें ज्यादा मजा आता है. अब जब आप तीव्र उत्तेजित हो जाते हैं तो आप देखेंगे कि भगशिश्न की टोपी (clitoral hood) पीछे खिंच गई है. अब आप खुले भगशिश्न के सिरे को सहलाकर ज्यादा आनंद की प्राप्ति कर सकतीं है. कई महिलाएं इस प्वाइंट को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं.
यहां हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि उत्तेजना के लिये कोई भी तरीका चुना जाए लेकिन जरूरी यह है कि उसे सतत् और दृढ़ लय के साथ बनाए रखे . कई बार जब कोई दूसरा महिला में उत्तेजना नहीं पा रहा होता है तब भी ज्यादातर महिलाएं अपने यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित कर सकती हैं. क्योंकि भगशिश्न की उत्तेजना के अनुभव से योनि में कुछ तरंगे सी हलचल करने लगती हैं. जिससे तीव्र उत्तेजना की प्राप्ति होती है. वहीं इसके विपरीत भगशिश्न चरमोत्कर्ष के पश्चात छूने पर असहज सा महसूस कराती है.
जब आप हस्तमैथुन को लेकर सहज हो जाएं तो प्रयास करें की शीशे के सामने हस्तमैथुन करें. ऐसे में आप देख सकते हैं कि उत्तेजना के दौरान आपके अंग कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. इससे जहां आनंद की अनुभुति में बढ़ोत्तरी होगी वहीं आप अपने सेक्सी लुक का लुत्फ भी उठा सकेंगी.
महिला हस्तमैथुन के प्रसिध्द तरीके
ज्यादातर महिलाएं , ज्यादातर समय हस्तमैथुन के लिये बेड या सोफे में टांगे फैला कर लेटना या पीठ के बल टिकना पसंद करती हैं. उनका फोकस मुख्यतः भगशिश्न पर होता है. पर कइयों को प्रवेश में मजा आता है. विशेषकर जब वे ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं. इन पोजीशनों में वे भगशिश्न को ज्यादा अच्छी तरीके से पा सकती हैं और छूने के विभिन्न तरीकों पर प्रयोग कर सकते हैं.
ज्यादातर महिलाएं लय बनाए रखना पसंद करती हैं. वहीं कुछ रुकना फिर शुरू करना पसंद करती हैं. यहां एक बात यह भी बता देना जरूरी है कि तीव्र उत्तेजना के लिये जैसे ही आवेग को पाते जाते हैं , आप अपने पैरों की एड़ियों पर दबाव डाल कर जांघों के बीच के हिस्से को उठाकर तनाव का प्रयास करें इससे उत्तेजना की तीव्रता में काफी इजाफा होगा.
इसके अलावा एक और तरीका है जो ज्यादा उपयोग किया जाता है वह कि पलंग या सोफे के हत्थे पर तकिया लगा कर उसके ऊपर बैठ जाएं. फिर टांगे फैलाकर थोड़ी दृढ़ता से बैठे. अब भगशिश्न को अपने हाथों से उत्तेजित करें.
अंत में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किस तरीके से आप स्वयं को ज्यादा उत्तेजित करते हैं, जरूरत है कि आप अपने पार्टनर से यह बातें बांटे कि किस तरीके में आप बेहतर महसूस करती हैं. साथ ही उसे करके दिखाएं कि सेक्स प्ले के दौरान वह किस तरह से आपको उत्तेजित कर सकता है. इससे आपको पूर्ण संतुष्टि मिलने के साथ-साथ उसे भी उत्तेजना का पूरा अवसर मिलेगा.
महिलाएं यदि यौन अंगों को कभी स्वयं उत्तेजित नहीं की हैं तो इस बात की भी संभावना रहती है कि सेक्स क्रिया के दौरान उन्हें पर्याप्त उत्तेजना से वंचित रहना पड़े. औसत तौर पर पुरुष 12-13 वर्ष की उम्र के दौरान हस्त मैथुन शुरू कर देते हैं. इसके विपरीत महिलाएं तरुणाई (13 से 19 वर्ष ) के अंतिम दौर में हस्त मैथुन शुरू करती हैं, लेकिन यह मामला इतना ढंका और छिपा होता है कि किसी से भी चर्चा में भी सामने नहीं आने दिया जाता है. पूर्ण तरुण होने पर हस्तमैथुन का मामला खुले रहस्य की ओर झुकाव लेने लगता है. ज्यादातर लोग इस मामले पर पर्दा ही पड़े रहना देना चाहते हैं. लेकिन अब कुछ ऐसे युवा तैयार हो रहे हैं जो इन वर्जनाओं को तोड़ कर हस्तमैथुन के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं और खुलेतौर पर हिस्सा ले रहे हैं. इसलिये आप यदि अपने लिये इस धीमें और आनंददायी सेक्स को लेकर पक्के (sure) नहीं है तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि यह कैसे होता है.
शुरुआती दौर वालों के लिए
यदि आप हस्तमैथुन के लिये नई हैं तो अपना समय और स्थान सावधानी पूर्वक चयन करें और एक दृश्य निर्मित करें. इसके लिये बेहतर आइडिया है कि यह तब किया जाय जब आपके घर के सभी लोग बाहर हों . इससे आपमें एक आत्मबोध तो होगा ही साथ ही आपको किसी तरह का डर भी नहीं होगा. इसकी शुरुआत के लिये अपना फोन बंद कर दें, साथ ही यह सुनिश्चित कर लें की आपको किसी तरह की जल्दबाजी नहीं हो. यदि आप दबाव में हैं तो इस दौरान नहाना लाभदायक होगा. धीमा और शांत संगीत बजाएं और अपनी उधेड़बुन से दूर हों. अब आप सेक्सी सोचने और अनुभव करने में सक्षम हैं वह भी बिना रुकावट या बिना दोषी होने की अनुभूति के साथ और यह अनुभूति प्रतिदिन की हस्तमैथुन बिना सोच से बेहतर होगी.
ज्यादातर महिलाएं इस वक्त हाथ में लिये जा सकने वाले आइने से अपने गुप्तांगों और जननागों को देखना पसंद करती हैं. यह महत्वपूर्ण भी है कि आप अपने शरीर के बारे में अच्छा और बेहतर ज्ञान रखें, अन्यथा सुना सुनाया फूहड़पन आपको दिमागी अंधेरे की ओर ले जाएगा.
इसलिए अब आइना देखना शुरू कीजिए . अब जब संतुष्ट हो जाएं और उत्तेजना का एहसास होने लगे तो शीशे को एक किनारे रख दो और अपने शरीर को छूना शुरू करें. स्तनों, पेट और जांघों को थपथपाते हुए सहलाएं और हर उस जगह अपना हाथ फेरे जहां आपको आनंद की अनुभूति मिलती है. आनंद की प्राप्ति में बाधक बन रही हर सोच व डर को बाहर निकाल दें. आप चाहें तो सहलाने के दौरान मसाज आयल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही कोई अच्छे स्निग्ध द्रव का प्रयोग करें जब आप अपने भगशिश्न को उत्तेजित कर रहीं हों.
अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करें. यह हस्तमैथुन के तरीकों की वह चाभी है जिसकी ओर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि हमारे सेक्सुअल आनंद का ज्यादातर जिम्मेदार हमारा दिमाग ही होता है. किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचे जिसके साथ सेक्स करने की इच्छा रखती हों या अपने पार्टनर को कल्पनाओं में लाएं. अब उस तरीके के बारे में सोचे कि किस तरह से उसके साथ सेक्स करने की इच्छा है साथ ही उस जगह की कल्पना करें जहां सेक्स करना आपको सबसे आनंददायी लगता है. इस तरह आप अन्य कामुक दृश्यों की कल्पना कर उत्तेजना को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. जैसे-जैसे आपकी कल्पनाशीलता बढ़ती जाएगी आप तीव्र उत्तेजना का अनुभव करने लगेंगी.
अब जब सनसनी सी महसूस होने लगे तो बड़े ही सौम्य तरीके से जननेन्द्रियों को छुएं. बाह्य भगोष्ठ को थपथपाते हुए सहलाएं, दबाएं और रगड़े वह भी तब तक की जब तक की आप को यह न पता चल जाए कि किस तरीके से ज्यादा आनंद की प्राप्ति होती है. अब अपनी उंगलियों को थूक से गीला करें या फिर कोई स्निग्ध द्रव (lubricant) लगाएं. अब सहलाने की क्रिया भगशिश्न पर फोकस करें.
अपनी उंगलियां भगशिश्न पर फिराएं, सहलाने के दौरान दबाव और दिशा बदलने का प्रयास करें. कभी किनारे-किनारे तो कभी वृत्ताकार घुमाएं और देखें कि किसमें ज्यादा मजा आता है. अब जब आप तीव्र उत्तेजित हो जाते हैं तो आप देखेंगे कि भगशिश्न की टोपी (clitoral hood) पीछे खिंच गई है. अब आप खुले भगशिश्न के सिरे को सहलाकर ज्यादा आनंद की प्राप्ति कर सकतीं है. कई महिलाएं इस प्वाइंट को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं.
यहां हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि उत्तेजना के लिये कोई भी तरीका चुना जाए लेकिन जरूरी यह है कि उसे सतत् और दृढ़ लय के साथ बनाए रखे . कई बार जब कोई दूसरा महिला में उत्तेजना नहीं पा रहा होता है तब भी ज्यादातर महिलाएं अपने यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित कर सकती हैं. क्योंकि भगशिश्न की उत्तेजना के अनुभव से योनि में कुछ तरंगे सी हलचल करने लगती हैं. जिससे तीव्र उत्तेजना की प्राप्ति होती है. वहीं इसके विपरीत भगशिश्न चरमोत्कर्ष के पश्चात छूने पर असहज सा महसूस कराती है.
जब आप हस्तमैथुन को लेकर सहज हो जाएं तो प्रयास करें की शीशे के सामने हस्तमैथुन करें. ऐसे में आप देख सकते हैं कि उत्तेजना के दौरान आपके अंग कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. इससे जहां आनंद की अनुभुति में बढ़ोत्तरी होगी वहीं आप अपने सेक्सी लुक का लुत्फ भी उठा सकेंगी.
महिला हस्तमैथुन के प्रसिध्द तरीके
ज्यादातर महिलाएं , ज्यादातर समय हस्तमैथुन के लिये बेड या सोफे में टांगे फैला कर लेटना या पीठ के बल टिकना पसंद करती हैं. उनका फोकस मुख्यतः भगशिश्न पर होता है. पर कइयों को प्रवेश में मजा आता है. विशेषकर जब वे ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं. इन पोजीशनों में वे भगशिश्न को ज्यादा अच्छी तरीके से पा सकती हैं और छूने के विभिन्न तरीकों पर प्रयोग कर सकते हैं.
ज्यादातर महिलाएं लय बनाए रखना पसंद करती हैं. वहीं कुछ रुकना फिर शुरू करना पसंद करती हैं. यहां एक बात यह भी बता देना जरूरी है कि तीव्र उत्तेजना के लिये जैसे ही आवेग को पाते जाते हैं , आप अपने पैरों की एड़ियों पर दबाव डाल कर जांघों के बीच के हिस्से को उठाकर तनाव का प्रयास करें इससे उत्तेजना की तीव्रता में काफी इजाफा होगा.
इसके अलावा एक और तरीका है जो ज्यादा उपयोग किया जाता है वह कि पलंग या सोफे के हत्थे पर तकिया लगा कर उसके ऊपर बैठ जाएं. फिर टांगे फैलाकर थोड़ी दृढ़ता से बैठे. अब भगशिश्न को अपने हाथों से उत्तेजित करें.
अंत में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किस तरीके से आप स्वयं को ज्यादा उत्तेजित करते हैं, जरूरत है कि आप अपने पार्टनर से यह बातें बांटे कि किस तरीके में आप बेहतर महसूस करती हैं. साथ ही उसे करके दिखाएं कि सेक्स प्ले के दौरान वह किस तरह से आपको उत्तेजित कर सकता है. इससे आपको पूर्ण संतुष्टि मिलने के साथ-साथ उसे भी उत्तेजना का पूरा अवसर मिलेगा.